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दिल्ली में कब होगी पहली कृत्रिम बारिश? किसकी मंजूरी का है इंतजार? सिरसा ने बताया

दिल्ली में प्रदूषण और स्मॉग से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का पहला ट्रायल दीवाली के बाद होने की संभावना है। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मंजूरी का इंतजार है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Oct 15, 2025 09:20 pm IST, Updated : Oct 15, 2025 09:20 pm IST
Delhi Artificial Rain, Cloud Seeding, Delhi Pollution, Smog Control- India TV Hindi
Image Source : ANI दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा।

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण और स्मॉग से निपटने के लिए बहुप्रतीक्षित कृत्रिम बारिश यानी की 'क्लाउड सीडिंग' का पहला ट्रायल दीवाली के बाद होने की संभावना है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब सिर्फ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की मंजूरी का इंतजार है। सिरसा ने बताया, 'हमने सारी तैयारियां कर ली हैं। विमानों में क्लाउड सीडिंग के लिए जरूरी उपकरण लगाए जा चुके हैं, पायलटों ने ट्रायल उड़ानें पूरी कर ली हैं और वे इलाके से अच्छी तरह वाकिफ हैं। अब बस IMD की हरी झंडी का इंतजार है।'

'सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है'

सिरसा ने कहा कि मौसम की सही परिस्थितियों के आधार पर यह ट्रायल दीवाली के अगले दिन या उसके कुछ समय बाद शुरू हो सकता है। हालांकि, सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है। बता दें कि दिल्ली सरकार का यह क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट, जो BJP की अगुवाई वाली सरकार का एक बड़ा वादा है, कई बार टल चुका है। शुरुआत में इसे जुलाई में शुरू करने की योजना थी, लेकिन मॉनसून, बदलते मौसम और अब उपयुक्त बादलों की कमी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। पहले दीवाली से पहले ट्रायल का वादा किया गया था, लेकिन अब सिरसा ने पुष्टि की कि यह दीवाली के बाद होगा।

DGCA समेत 23 विभागों से मंजूरी मिली

दिल्ली सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए IIT कानपुर के साथ मिलकर काम शुरू किया है। इसका मकसद यह जांचना है कि क्या कृत्रिम बारिश सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण और स्मॉग को कम करने में मददगार हो सकती है। पिछले महीने दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर के साथ 5 क्लाउड सीडिंग ट्रायल के लिए एक MoU साइन किया था। ये ट्रायल उत्तर-पश्चिम दिल्ली में किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को DGCA समेत 23 विभागों से मंजूरी मिल चुकी है। IIT कानपुर को फंड भी ट्रांसफर कर दिए गए हैं। यह प्रोजेक्ट IIT कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा, जो अपने स्वयं के विमान, सेसना 206-एच (VT-IIT), का इस्तेमाल करेगा।

दिल्लीवासियों को इस ट्रायल से काफी उम्मीदें

क्लाउड सीडिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें बादलों में रसायन छोड़े जाते हैं ताकि कृत्रिम तरीके से बारिश कराई जा सके। यह प्रोजेक्ट भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे और IMD के विशेषज्ञों के सहयोग से चल रहा है। सिरसा ने कहा, 'हमारा मकसद दिल्ली की हवा को साफ करना और सर्दियों में स्मॉग की समस्या से निजात दिलाना है।' DGCA के आदेश के अनुसार, यह गतिविधि 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच होगी और इसे सख्त सुरक्षा, संरक्षा और हवाई यातायात नियंत्रण दिशानिर्देशों के तहत किया जाएगा। दिल्लीवासियों को इस ट्रायल से काफी उम्मीदें हैं। अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो यह दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने का एक नया रास्ता खोल सकता है। (PTI)

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