दिल्ली में मंगलवार को क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया फेल हो गई और इसे लेकर आज भी प्रयास जारी है। क्लाउड सीडिंग में कितना खर्च आता है और ये आर्टिफिशियल बारिश कब होगी? जान लीजिए पूरी बात...
देश की राजधानी दिल्ली को प्रदूषण और धुंध से राहत दिलाने के लिए क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराई जा रही है। दिल्ली के खेकड़ा, करोल बाग, मयूर विहार, बुराड़ी समेत कई इलाकों में बादलों में केमिकल डाला गया है।
दिल्ली में एक ओर महापर्व छठ की जोर-शोर से तैयारी चल रही है, तो वहीं यहां की हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 27 या 28 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी है।
दिल्ली में पहली बार प्रदूषण से बचाव के लिए कृत्रिम बारिश कराई जाएगी, इसे क्लाउड सीडिंग कहा जाता है। जानिए क्या है ये तकनीक और इस बारिश में घर से बाहर निकलना ठीक रहेगा या नहीं, जानें इससे जुड़ीं सभी बातें....
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश कराएगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसके लिए तारीख का भी ऐलान कर दिया है।
दिल्ली में 29 और 30 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश कराई जाएगी। कृत्रिम बारिश को अंजाम देने वाला विशेष विमान सेसना एयरक्राफ्ट कानपुर से मेरठ के लिए रवाना हो चुका है।
दिल्ली में प्रदूषण और स्मॉग से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का पहला ट्रायल दीवाली के बाद होने की संभावना है। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मंजूरी का इंतजार है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कृत्रिम बारिश को बड़ा हथियार माना जा रहा है। IIT कानपुर की देख-रेख में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी।
दिल्ली सरकार के मंत्री ने जुलाई के पहले हफ्ते में कृत्रिम बारिश कराए जाने का ऐलान किया था। वहीं, अब दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराए जाने वाले प्रोजेक्ट को स्थगित कर दिया गया है। इसके पीछे की वजह भी बताई गई है।
दिल्ली सरकार राजधानी में कृत्रिम बारिश करवाने की तैयारी में जुटी हुई है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि अगले महीने चार से 11 जुलाई के बीच कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है।
राजधानी दिल्ली में ग्रैप-3 लागू होने के बाद अब कत्रिम बारिश की चर्चा भी तेज हो गई है। इस संबंध में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का बयान भी सामने आया है।
लाहौर में पहली बार कृत्रिम बारिश कराई गई है। जानिए किस तरह यह आर्टिफिशियल बारिश कराई गई है। इस कृत्रिम बारिश से लाहौर की आबोहवा में थोड़ा सुधार आया है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के विकल्प पर विचार कर रही है लेकिन यह काम इतना आसान भी नहीं है।
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