राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस हफ्ते कराई जाने वाली कृत्रिम बारिश को टाल दिया गया है। मानसून पहुंचने के बीच वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए प्रायोगिक आधार पर 'क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट' (कृत्रिम बारिश कराने की परियोजना) को अगस्त के अंत तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
जुलाई में होगी आसमानी बारिश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्री सिरसा ने इसका समय बदले जाने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने कहा कि जुलाई में होने वाली आसमानी बारिश के कारण शायद आदर्श परिस्थितियां नहीं होंगी। इससे जरूरी परिणाम नहीं मिलेंगे।
4 से 11 जुलाई के बीच होने थी कृत्रिम बारिश
पिछले हफ्ते मंत्री सिरसा ने कहा था कि 'क्लाउड सीडिंग' के लिए प्रारंभिक समयावधि 4 जुलाई से 11 जुलाई के बीच निर्धारित की गई थी, क्योंकि 3 जुलाई से पहले परिस्थितियां उपयुक्त नहीं थीं।
अब 30 अगस्त से 10 सितंबर तक कराने की संभावना
हालांकि, मौसम विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद और वर्तमान मौसम पैटर्न के मद्देनजर परियोजना टीम ने एक संशोधित समय-सीमा 30 अगस्त से 10 सितंबर तक प्रस्तावित की है, क्योंकि संभावना है कि इस दौरान मानसून लौटने लगेगा।
इनकी सहायता से कराई जाएगी कृत्रिम बारिश
यह अभियान आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विशेषज्ञों के साथ समन्वय करके, सेसना 206-एच विमान (VT-IIT) का उपयोग करके किया जाना है।
क्या है कृत्रिम बारिश?
कृत्रिम बारिश, जिसे क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग बादलों में बारिश करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया मौसम को प्रभावित करने या वायू प्रदूषण को दूर करने का एक वैज्ञानिक तरीका है।
कैसे कराई जाती है कृत्रिम बारिश?
कृत्रिम बारिश के लिए उपयुक्त बादलों की आवश्यकता होती है। इसे क्यूम्यलोनिम्बस या स्ट्रैटोक्यूम्यलस बादल, जिनमें पर्याप्त नमी होती है। मौसम वैज्ञानिक रडार और अन्य तकनीकों का उपयोग करके बादलों की स्थिति और नमी की मात्रा का विश्लेषण करते हैं। बादलों में बारिश को प्रेरित करने के लिए विशेष रसायनों या सामग्रियों का उपयोग किया जाता है।
हवाई जहाज का होता है प्रयोग
कृत्रिम बारिश में अक्सर हवाई जहाज का प्रयोग होता है। यह प्रक्रिया बादलों में रसायनों, जैसे सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस, को छिड़कने के लिए की जाती है ताकि बारिश को कराया जा सके।
(भाषा के इनपुट के साथ)