27 अक्टूबर को आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराया गया था और रामपुर अदालत ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। रामपुर स्थित एमपी-एमएलए अदालत ने वर्ष 2019 के मामले में विधायक को जमानत भी दे दी। वहीं 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने खान को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने का ऐलान किया था।
सीडीओ (CDO) नंद किशोर लाल, रामपुर ने बताया, ''संघीय चुनाव के बाद आज़म खान ने अपनी विधायक निधि में से कोई भी प्रस्ताव CD कार्यालय को प्राप्त नहीं कराया। इस कारण वर्तमान वित्त वर्ष में उनकी विधायक निधि में से किसी भी प्रकार का कोई भी खर्च निर्माण कार्यों में नहीं किया जा सका''
आजम खान पर हुई कार्रवाई के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि, राजनीति में बदले की भावना से काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, "राजनीति में प्रतिशोध के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि सरकार और विपक्ष दोनों का सुशासन सुनिश्चित करने का एक साझा लक्ष्य है।"
Azam Khan: आजम खान के ऊपर लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। इसी मामले में रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई है। हालांकि इस मामले में उन्हें जमानत मिल गई लेकिन उनकी विधायकी चली गई और अगले 6 सालों तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गए।
आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली क्षेत्र के खातानगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित किया था। उन पर आरोप है कि जनसभा में उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया था।
Azam Khan got punishment: भड़काऊ भाषण मामले में यूपी के रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। साथ ही इस मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है। इस सजा के ऐलान के साथ ही अब आजमखान की विधायकी भी चली जाएगी।
आजम खान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन डीएम को अपशब्द कहने का आरोप था।
Azam Khan: सपा नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उन्हें हेट स्पीच यानी भड़काऊ भाषण के मामले में कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। उन्हें 3 धाराओं में दोषी करार दिया गया है। हेट स्पीच का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है।
आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करने के लिये अपने आधिकारिक लेटरहेड और मुहर का दुरुपयोग किया है।
Mulayam Singh Yadav: आजम खान और मुलायम सिंह के बीच दोस्ती में हमेशा सम्मान रहा। भले ही एक बार आजम ने पार्टी छोड़ दी, लेकिन जब वापस आए तो शायराना अंदाज में दिखे। वे मुलायम को प्यारे नेताजी कहते थे और मुलायम सिंह उन्हें 'साहब' कहकर संबोधित करते थे।
Uttar Pradesh: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डीपी यादव के साथ सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा।
Uttar Pradesh: यादव ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने राज्यपाल को आजम खां साहब के प्रति लगातार जारी अन्याय और उनके खिलाफ झूठे मामलों में मुकदमे दर्ज किए जाने के बारे में बताया है और उनसे न्याय दिलाने का अनुरोध किया है।’’
Azam Khan News: आजम के हार्ट में स्टंट डाला गया है। उन्हें बीते सोमवार को गंगाराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक वातावरण में गर्मी चरम पर है। नेताओं के बीच जुबानी जंग तीखी होती जा रही है। एक तरफ जहां सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजम खान के गढ़ में उन पर जम कर जुबानी हमले किए, तो वहीं अब उन हमलों पर आजम खान ने भी खुल कर पलटवार किया है।
UP News: सरकारी लेटर हेड एवं मोहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने के मामले में आरोपी पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा विधायक आजम खान की ओर से दाखिल डिस्चार्ज अर्जी को स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
UP News: आजम खान के बेटे और स्वार सीट से सपा विधायक अब्दुल्लाह आजम ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और अपने पिता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर विरोध जताया।
Azam Khan Admit in Hospital: आजम खान इस समय पोस्ट कोविड सिम्टम से जूझ रहे हैं। निमोनिया का असर बताया जा रहा है। निमोनिया फेफड़ों तक पहुंच गया है, इसलिए उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
UP News: आजम खान को यूपी में सपा का बड़ा नेता माना जाता है और वह साल 2019 में सांसद भी चुने गए थे। हालांकि इस्तीफे के बाद सीट खाली हो गई थी, जिस पर बाद में बीजेपी ने कब्जा जमा लिया।
Azam Khan News: गुरुवार को उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि हमने ना लुलु देखा, न टीलु देखा। हम आज तक किसी मॉल में गए ही नहीं।
Azam Khan: ईडी जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में पैसा जुटाने, यूनिवर्सिटी निर्माण में फंड ट्रांसफर की जांच कर रही है।
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