अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 ने दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लोकेशन अब 41603 km x 226 ऑर्बिट में है।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो के दफ्तर में मौजूद थे और सबकुछ देख रहे थे। तभी अचानक 2.50 बजे खामोशी छा गई। दरअसल बुरी खबर सामने आई थी।
चांद की सतह पर कदम रखने वालों के बारे में आपको तो पता ही होगा। चांद पर पहली बार नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने कदम रखा था। जिसके बाद कई लोगों ने चांद पर अपना कदम रखा। उनमें से दो लोगों का चांद पर कदम रखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि ISRO ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए तारीख और समय का एलान कर दिया है।
ISRO: इसरो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स’ में हाल में प्रकाशित एक अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान-2 ने पहली बार क्लास (चंद्रयान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेट्रोमीटर) का इस्तेमाल कर चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में सोडियम की मौजूदगी का पता लगाया है।
इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि तीसरे चंद्रयान मिशन को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इससे संबंधित सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत 2020 में चंद्रयान-3 को लांच करेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान पर चंद्रयान-2 से भी कम लागत आएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अनुदान की पूरक मांग संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘नई परियोजना अर्थात चंद्रयान-3 के व्यय को पूरा करने के लिये 15 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए।’’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को कहा कि भारत अगले साल संभवत: नवंबर में एक बार फिर चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास कर सकता है।
भुवनेश्वर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि देश दिसंबर 2021 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से शीघ्र संपर्क साध कर उसमें मौजूद ‘रोवर’ प्रज्ञान को उपयोग में लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री नामिरा सलीम ने चंद्रयान-2 मिशन पर भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी है। नामिरा ने चंद्रमा पर लैंडिंग करने के भारत एजेंसी के ऐतिहासिक प्रयास की सराहना की है।
ISRO के चंद्रयान-2 मिशन के लैंडर विक्रम से लगातार संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक एवं ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले ए शिवतनु पिल्लई ने दावा किया है कि भारत हीलियम-3 प्राप्त करने के लिए 10 साल में चंद्रमा की सतह पर एक बेस स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से संपर्क बहाल करने की कोशिश जारी रखे हुए है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि समय निकलता जा रहा है और संपर्क बहाल होने की संभावना कम होती जा रही है।
चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर रोवर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग” कराने का भारत का ऐतिहासिक मिशन भले ही अधूरा रह गया हो लेकिन उसके इंजीनियरिंग कौशल और बढ़ती आकांक्षाओं ने अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के उसके प्रयास को गति दी है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी कहा कि लैंडर से सिर्फ संपर्क टूटा है लेकिन 1.3 अरब भारतीयों का हौसला बरकरार है।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। इस मौके पर पड़ोसी देश भूटान की तरफ से भी हौसला बढ़ाने वाला बयान दिया गया है।
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