भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरकर रिकॉर्ड बना दिया है। विक्रम लैंडर के चांद पर लैंड होने के समय दुनियाभर की निगाहें भारत और ISRO पर टिकी हुई थीं।
एक तरफ जहां पूरा देश चंद्रयान 3 मिशन के कामयाब होने पर जश्न में डूबा हुआ है तो दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के विधायक इदरीस अली ने ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंद्रयान-3 की सफलता पर ISRO को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हमारे वैज्ञानिक समुदाय की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम है।
चंद्रयान 3 की चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर दी है। इस उपलब्धि पर बाबा रामदेव ने देशवासियों को बधाई दी है और कहा है कि चांद पर जीत के बाद भारत अब ब्रह्मांड की यात्रा पर निकलेगा।
Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि अब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।
आज भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 अपना पैर चांद की सतह पर रख दिया, पर ये भी जानना उतना ही जरूरी है कि इस अभियान के पीछे में किन-किन लोगों की मेहनत है।
चंद्रमा पर मनुष्य की बनाई कोई वस्तु पहली बार आज से करीब 64 साल पहले 13 सितंबर 1959 को लूना 2 के रूप में पहुंची थी।
Chandrayaan-3 Landing Highlights: चंद्रयान 3 ने इतिहास रच दिया है। उसने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है।
भारत के चंद्रयान-3 के लैंडिंग का वक्त करीब आ चुका है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान अब तक अपने तय हिसाब से सही तरह से काम कर रहा है।
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग चांद की सबसे खतरनाक जगह पर होनी है। नासा के मुताबिक चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव रहस्य, विज्ञान और उत्सुकता से भरा है यही वजह है कि पूरी दुनिया इतिहास बनता देखता चाहती है।
मिशन चंद्रयान 3 को लेकर प्रोफेसर मयंक वाहिया ने कहा है कि लोगों को मिठाई लेकर तैयार रहना चाहिए, क्योंकि चांद की सतह पर चंद्रयान सफल लैंडिंग करने वाला है।
चंद्रयान 3 का लैंडर मॉड्यूल चांद के और करीब पहुंच चुका है। इस बीच मिशन चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया है।
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक रविवार के दिन डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चंद्रमा की सतह के बीच मात्र 25 किमी की दूरी शेष रह गई है।
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने डिबूस्टिंग की प्रकिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चांद के बीच दूरी और भी कम हो गई है।
भारत ने चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। मिशन की प्लानिंग के अनुसार, अब लैंडर 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इसके साथ ही चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन जाएगा।
भारत ने 14 जुलाई को दोपहर 2.45 बजे LVM3 रॉकेट से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। अब मॉड्यूल से अलग होने के बाद आगे का सफर लैंडर विक्रम अपने आप ही तय करेगा।
चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा। भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे।
रूस ने 47 बाद लूना-25 के रूप में अपना अभियान लॉन्च कर दिया है। शुक्रवार तड़के स्थानीय समय के मुताबिक 2 बजकर 11 मिनट पर बोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 को लॉन्च किया गया। रूस का यह यान चांद के दक्षिणी हिस्से पर लैंड कर सकता है।
मिशन चंद्रयान 3 को लेकर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंडर 'विक्रम' सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा, 'विक्रम' का पूरा डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि यह विफलताओं को संभालने में सक्षम होगा।'
अगर चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड करने में सफल हो जाता है तो भारत, अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के अलावा ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
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