वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद अपने बयान से फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वह जी-23 ग्रुप के कांग्रेस पार्टी से जुड़े बयानों के लिए नहीं, बल्कि राजनीति पर दिए गए बयानों से चर्चा में हैं।
‘जी 23’ समूह पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है।
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों में कांग्रेस की हार हुई इसके बाद आनन—फानन में जी-23 ग्रुप के नेताओं ने मीटिंग की और हार पर असंतोष जाहिर किया। पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सवाल उठाए। जानिए क्या है जी-23 ग्रुप की अहमियत, क्यों कर रहा है गांधी परिवार का विरोध।
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं को अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन नेताओं पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा डाला। वहीं जी 23 के इन नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी बात कह डाली।
सीडब्ल्यूसी द्वारा सोनिया गांधी के नेतृत्व का समर्थन किए जाने के बाद आगे की रणनीति तैयार करने के लिए जी23 समूह कहे जाने वाले कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने बैठक की। यह समूह पहले ही कांग्रेस पार्टी के भीतर समान विचारधारा वाले नेताओं तक अपनी पहुंच बना चुका है।
हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की। इसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई।
गुलाम नबी आजाद के सबसे छोटे भाई लियाकत अली के बेटे मुबश्शिर आजाद ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनके चाचा का ''अपमान'' किया, जिससे उन्हें दुख हुआ और उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया। हालांकि, मुबश्शिर ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने की योजना को लेकर अपने चाचा के साथ चर्चा नहीं की।
UP Assembly Election: यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी—23 के सदस्य माने जाने वाले गुलाज नबी आजाद का नाम शामिल है, लेकिन कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का नाम नदारद है।
गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार देर रात ट्वीट कर कहा, भ्रम पैदा करने के लिए कुछ लोगों द्वारा शरारतपूर्ण दुष्प्रचार किया जा रहा है।
गुलाम नबी आज़ाद जम्मू-कश्मीर से आने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। पिछले साल फरवरी में जब उनका कार्यकाल राज्यसभा से समाप्त हो रहा था तो उन्होंने पीएम मोदी की काफी तारीफ भी की थी।
गुलाम नबी आजाद ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की तरह पार्टी छोड़ने की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हां, मैं कांग्रेसी हूं। आपको किसने कहा कि मैं (कांग्रेसी) नहीं हूं? 24 'कैरेट' कांग्रेसी हूं।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 20 जून को ‘दरबार मूव’ प्रथा की व्यवस्था को खत्म करने की घोषणा की थी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 2024 में कांग्रेस 300 सीटे जीतकर बहुमत लाएगी, ऐसा उन्हें तो फिलहाल नहीं दिखता। सभा में गुलाम नबी आजाद कश्मीर में अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के संदर्भ में ये बातें कह रहे थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्राथमिकता यह नहीं है कि कौन मुख्यमंत्री बने, बल्कि यह है जम्मू-कश्मीर में 4 अगस्त, 2019 की स्थिति को कैसे बहाल किया जाए।
सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘‘मैं किसी दूसरे को ऐसा नहीं पाता जिनके समान ये लोग हों। मैंने कहा है कि ये उनकी (बोको हरम जैसे संगठन) तरह हैं और इनका हिंदू धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। हिंदुत्व को जिस तरह से इसके मानने वालों ने आगे बढ़ाया है, उससे धर्म विकृत हो रहा है।’’
गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हिंदुत्व की तुलना ISIS तथा बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों से करना तथ्यों के आधार पर सही नहीं है।
सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक नेताओं से मिलने के एक दिन बाद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद – जिन्होंने पीएम के साथ बैठक में सबसे पुरानी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया – इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में जम्मू-कश्मीर के नेताओं की पीएम के साथ बातचीत की जानकारी दी।
जम्मू कश्मीर के लिए एक नई सुबह की शुरुआत हो चुकी है...पीएम मोदी के बुलावे पर जम्मू-कश्मीर की 8 पॉलिटिकल पार्टियों के 14 नेताओं के साथ तीन घंटे 45 मिनट तक चली मीटिंग में जो सबसे बड़ी बात निकल कर आई है वो ये है कि जम्मू कश्मीर में जल्द ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में शामिल अधिकांश राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठाई।
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