अगर आपने 2019 की दिवाली के दौरान सोने में निवेश किया होता, तो इस दिवाली तक आपको 60 प्रतिशत का रिटर्न मिलता। पूरी दुनिया में सोने को सुरक्षित निवेश का बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
दिल्ली में 61,790 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर सोने की कीमत है। चांदी का भाव (Silver price) आज 200 रुपये प्रति किलोग्राम उछलकर 75,200 रुपये पर पहुंच गया।
फेस्टिवल में सोने की बिक्री से कारोबारियों को काफी उम्मीद है। हाल के दिनों में सोने के भाव में लगातार तेजी का रुख देखा गया है। ग्लोबल मार्केट में लगातार कमजोरी के चलते सोना मौजूदा समय में काफी सुर्खियों में है।
पिछले कारोबारी सत्र में सोना 61,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। अमेरिका की तरफ से पश्चिम एशियाई क्षेत्र में मिसाइलों को तैनात किए जाने संबंधी एक रिपोर्ट के बाद उस क्षेत्र में तनाव बढ़ने से सोने में तेजी आई।
सोने की कीमत में डिमांड का भी अपना रोल है। भारत जैसे देश में सोना संस्कृति का हिस्सा है। शादियां भारत में सालाना सोने की डिमांड का लगभग 50 प्रतिशत पैदा करती हैं।
फेस्टिवल सीजन में फिजिकल गोल्ड की खरीदारी बढ़ने से इसकी कीमतों में और भी मजबूती आने के आसार हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि गोल्ड के लिए फिलहाल माहौल अच्छा है। सोने को मौजूदा भू-राजनितिक सपोर्ट दे रहा है।
भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के समय सोने को एक सुरक्षित एसेट माना जाता है। एमके वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, तत्काल अवधि में सोने में तेजी का रुख रहने की उम्मीद है।
22 कैरेट सोने की कीमत 250 रुपये टूटकर 56,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। कीमतों में आने वाले दिनों में गिरावट देखने को मिल सकता है।
त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ सोने की कीमत में तेजी का दौर शुरू हो गया है। पिछले महीने 57 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूटने के बाद एक बार फिर सोने की कीमत 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। दिवाली तक और तेजी देखने को मिल सकती है।
वैश्विक बाजारों में सोना तेजी के साथ 1,952 डॉलर प्रति औंस हो गया। जबकि चांदी की कीमत गिरावट के साथ 22.94 डॉलर प्रति औंस रह गयी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि कीमती धातु में तेजी को पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से बल मिला है।
एक्सपर्ट का कहना है कि इजराइल और हमास के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल ब्याज दरें नहीं बढ़ाने की बढ़ती आशंका के चलते, कीमती धातुओं का सप्ताह सात महीनों में सबसे अच्छा रहा।
सुरक्षित निवेश के लिए सोना सबसे पहली पसंद है। शायद आप सभी को याद होगा कि जब कोराना आया था तो शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई थी। वहीं सोने में जबरदस्त तेजी थी। इसके चलते सोने का भाव 62 हजार के पार पहुंच गया था। हालांकि, उसके बाद सोने में गिरावट देखने को मिली थी।
बीएसई पर सूचीबद्ध पहली और एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड की जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सोने का उत्पादन की खबर आने के बाद कंपनी के शेयर में अपर सर्किट लगा हुआ है। शेयर 95.52 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
सोने और चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। दोनों कीमती धातु सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अगर आप सोने या चांदी खरीदना चाहते हैं तो क्या यह सही समय है या अभी और इंतजार करना सही होगा?
डॉलर के मजबूत होने के कारण सोने की कीमत में गिरावट है। आपको बता दें कि डॉलर इंडेक्स (DXY) 10 महीने के शिखर पर पहुंचा गया है। डॉलर की चाल एक प्रमुख कारक है जो सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। चूंकि सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए इसकी ताकत पीली धातु के लिए नकारात्मक है। एक मजबूत डॉलर सोने की कीमतों पर नीचे
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा कि हाल के अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व की एफओएमसी नीतिगत बैठक की सख्त टिप्पणियों के बाद डॉलर सूचकांक में मजबूती आई, जिससे सोने की कीमतों में कमी आई है।
चांदी (silver) 5 दिसंबर 2023 के वायदा कारोबार के लिए 72,390 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर ट्रेड करती दिखी।
सोने की कीमतें वाकई में आपको खुश कर सकती हैं। सोने के दाम आज 60000 रुपये से भी नीचे आकर 1 महीने के सबसे कम भाव पर आ गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,935 डॉलर प्रति औंस जबकि चांदी नुकसान के साथ 23.55 डॉलर प्रति औंस रही।
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतीन त्रिवेदी ने कहा कि फिच द्वारा अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड करने से सोने की कीमत में तेजी आई है।
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