रक्षा अधिग्रहण परिषद(DAC) ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है। DAC ने 7,800 करोड़ रुपए की पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यक्ता की स्वीकृति(AoN) को मंजूरी दे दी है।
चीन अपनी चालबाज हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इस बार चीन का जासूसी युद्धपोत भारती रक्षा संस्थानों की जासूसी करने के इरादे से श्रीलंका के कोलंबो एयरपोर्ट पहुंचा है। भारत की चिंताओं के बावजूद श्रीलंका ने चीन के जहाज को अनुमति दी। जाहिर है कि श्रीलंका चीन के कर्जे तले दब चुका है।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
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