ISRO में कई पदों पर वैकेंसी निकली है। इन पदों पर आवेदन के लिए इसरो ने उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। ऐसे में इच्छुक उम्मीदवार इन पदों के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
सरकारी नौकरी करने के हैं इच्छुक तो ये मौका हाथ से जाने न दें। इसरो ने कई पदों पर वैकेंसी निकाली है। जो उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करने चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट के जरिए अप्लाई कर सकते हैं।
इस बार का भारत का गगनयान मिशन अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने को आतुर है। धरती से लेकर आसमान तक लगातार भारत की धमक बढ़ती जा रही है। इससे दुश्मन चीन ही नहीं, बल्कि तरक्की के ऐसे तजुर्बे को देखकर अमेरिका भी हैरान है। दरअसल भारत ने अबकी बार के गगनयान मिशन को सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जोड़ दिया है।
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने नया इतिहास रचा है. Reusable Launch Vechile Autonomous Landing Model की ये तस्वीर है. ये प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा.
ISRO Launches 36 Satellite: ISRO ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च कर दिए हैं। स्पेस में भेजे जा रहे सभी सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है। इस मिशन को वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है।
ISRO ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एकसाथ लॉन्च कर दिए हैं। स्पेस में भेजे जा रहे सभी सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है। इस मिशन को वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है। ये लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से हुई है।
ISRO ने कई पदों के लिए भर्ती निकाली है। इच्छुक उम्मीदवार इन पदों के लिए आधिकारिक वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
ISRO YUVIKA 2023: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) की तरफ से आज 20 मार्च 2023 को इसरो युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम 2023 शुरू किया जा रहा है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइट पर शुरू हो गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैटेलाइट को 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
MT1 को 12 अक्टूबर, 2011 को ट्रॉपिकल मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए ISRO और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी, CNES के ज्वाइंट सैटेलाइट वेंचर के रूप में लॉन्च किया गया था।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। चंद्रयान के बाद भारत ने अब 2023 में गगनयान समेत कई अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो 3 मानवों के साथ अंतरिक्ष में गगनयान भेजने की योजना तैयार कर रहा है।
रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया है। पिछले साल 7 अगस्त को हुई इस लॉन्चिंग में गड़बड़ी हो गई थी।
ISRO Apprentice Training- ISRO अप्रेटिस पदों पर वैकेंसी निकालने जा रहा है। इन पद पर उम्मीदवारों का सेलेक्शन वॉक-इन-इंटरव्यू के आधार पर होगा।
पिछले 5 वर्षों के इतिहास में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने तेज गति से प्रगति की है। वर्ष 2017 से 2022 के दौरान हिंदुस्तान ने अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाई है। इस दौरान भारत ने 19 देशों के 177 विदेशी उपग्रहों को लांच करने का गौरव हासिल किया है। इससे अंतरिक्ष में भारत का डंका बज रहा है।
‘यह भारत में अंतरिक्ष खगोल विज्ञान के विकास में एक बड़ी उपलब्धि है।’ आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैगरेंगियन प्वाइंट1’ के पास स्थित एक कक्षा से सूर्य का अध्ययन करने का भारत का प्रथम अंतरिक्ष मिशन है।
इसरो कर्मचारियों को ले जा रही कार एक ट्रक से टकरा गई। दुर्घटना में चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
अंतरिक्ष क्षेत्र पिछले सालों में बड़ी तेजी से बढ़ा है, वहीं इसका कारण इनमें निजी क्षेत्र के आने को माना जाता है। दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट और इसरो ने हाल में ही एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, वहीं इस समझौते से अंतरिक्ष क्षेत्र में स्थापित स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपलब्धियों को देखते हुए अमेरिका ने भी हाथ मिला लिया है। भारत और अमेरिका एक ऐसे अंतरिक्ष मिशन पर सहमत हुए हैं कि जिसके बारे में सुनते ही चीन में चिंता छा गई है। भारत और अमेरिका की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी नासा और इसरो ने मिलकर इसी वर्ष "NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट" छोड़ेंगे।
इसरो से जारी हुई जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें में साफ-साफ देखा जा सकता है कि जोशीमठ का कौनसा हिस्सा धंसने वाला है। यह सभी तस्वीरें काटरेसैट-2एस सैटेलाइट से ली गई हैं।
यदि यह उड़ान सफल रही तो इसरो को 10 से 500 किलोग्राम तक वजन के छोटे उपग्रहों के लिए मांग आधारित प्रक्षेपण सेवा शुरू करने का अवसर मिलेगा। इस उड़ान की सफलता इसरो को बड़ी कामयाबी दिलाएगी।
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