राहुल गांधी दो दिवसीय यात्रा पर कश्मीर में है। उनकी गैर मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट नेता कपिल सिब्बल द्वारा राजधानी नई दिल्ली में एक डिनर पार्टी का आयोजन किया गया। सूत्रों का दावा है कि इस मीटिंग में कुल 15 पार्टियों के 45 नेता मौजूद थे।
सिब्बल ने कहा, 'हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि आप क्यों इंटरसेप्ट कर रहे थे? प्राइवेट डाटा कलेक्शन हो गया है, यह सारा डाटा अगर पेगासस के पास पहुंच गया तो यह बड़ा नेशनल सिक्योरिटी थ्रेट है।'
जम्मू में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के जमावड़े को लेकर दिल्ली में भी हलचल तेज है। सूत्रों के मुताबिक, सीनियर नेताओं की मोर्चाबंदी से टीम राहुल गांधी नाखुश है। राहुल गांधी की टीम को शिकायत है कि विधानसभा चुनावों में प्रचार की बजाय सीनियर नेता अपनी शिकायतों को तरजीह दे रहे हैं जबकि राहुल गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीन पर मेहनत कर रहे हैं।
कांग्रेस के G-23 गुट के नेताओं ने गांधी परिवार के खिलाफ खुली मोर्चाबंदी कर दी है। जम्मू में G-23 के नेता एक मंच पर भगवा पगड़ी पहनकर जुटे। इस मंच से कांग्रेस के दिग्गजों ने अपने नेतृत्व पर सवाल उठाया है। इन लोगों ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने को लिए जो भी बलिदान करना होगा हम करेंगे। जम्मू के इस कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर. मनीष तिवारी, और आनंद शर्मा भी शामिल हुए हैं। कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई पर भी सवाल उठाया और कहा कि हम आजाद से आजाद नहीं होना चाहते थे पार्टी ने उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा-सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। अब इकट्ठा होकर हमें इसे मजबूत करना है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से निर्वाचन आयोग को सौंपी गई कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अन्य नेताओं के मुकाबले पार्टी फंड में सबसे ज्यादा योगदान दिया है।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर एक बार फिर सुनवाई स्थगित हो गयी है। बता दें कि लालू यादव साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं।
कांग्रेस ने अपनी शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक के बाद शुक्रवार को कहा कि इस साल जून में उसका नया निर्वाचित अध्यक्ष होगा।
सोनिया गांधी ने 19 दिसंबर को आपात मीटिंग बुलाई है जिसमें असंतुष्ट नेताओं की मांगों को सुना जाएगा। दरअसल पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं का दायरा बढ़ने से फूट तक का खतरा पैदा होने लगा है, जिसके बाद अंतरिम अध्यक्ष ने यह मीटिंग बुलाई है।
कांग्रेस पार्टी में छिड़े इस गृहयुद्ध में कई ऐसे नेता भी हैं जो अभी तक किसी धड़े के साथ खड़े नहीं दिखाई दे रहे। लेकिन सभी नेता मान रहे हैं कि पार्टी में छिड़ा यह गृहयुद्ध पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह घटा रहा है।
कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जब तक पदाधिकारी चुने नहीं जाते बल्कि नियुक्त किये जायेंगे, तब तक वे जमीनी स्तर से नहीं जुड़ेंगे।
कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "हमें अपनी संरचना को फिर से बनाने की जरूरत है और अगर कोई नेता उस संरचना में चुना जाता है, तो यह काम करेगा"
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की आलोचना की है। इस आलोचना का कारण सिब्बल का बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर दिया गया बयान है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस कार्यसमिति के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाए और कहा, “कांग्रेस ‘कार्यसमिति’ महान है, जो भीतर बोला जा रहा है वह अविलंब As it is मीडिया में आ रहा है।”
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अपना वो ट्वीट हटा दिया है जिसमें वे राहुल गांधी पर भड़क गए थे। कपिल सिब्बल ने कहा कि जिस बयान के आधार पर उन्होंने ट्वीट किया था, राहुल गांधी ने खुद उन्हें फोन करके बताया है कि ऐसा कोई बयान उन्होंने नहीं दिया है और इसलिए वे अपना पुराना ट्वीट हटा रहे हैं।
कपिल सिब्बल कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं और उन्होंने अपना यह ट्वीट वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान ही किया है। बैठक में गुलाम नबी आजाद ने भी राहुल गांधी के इस आरोप पर पटलवार करते हुए कहा कि यह आरोप सिद्ध हो जाए तो वे कांग्रेस पार्टी के सारे पद छोड़ देंगे।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत भूमि पूजन से होने वाली है। इस पावन अवसर पर कई बड़े नाम अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पेश हुए हैं जबकि सचिन पायलट की तरफ से इस मामले में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए हैं।
स्पीकर के पक्ष में जिरह करते हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा है कि यह उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि वह स्पीकर कहे कि विधायकों के निलंबन की प्रक्रिया के समय को टाल दें।
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मची रार के चलते कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बीच दोनों तरफ के नेताओं की तरफ से रोचक प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीं हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं। क्या हम घोड़ों के अस्तबल से खुल जाने के बाद ही जागेंगे?'
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