दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज मामले में मौलाना साद और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले की जांच करेगी।
निजामुद्दीन मरकज से लौटे गाज़ियाबाद के मसूरी इलाके के 12 लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने होम क्वारंटीन किया है। ये सभी लोग निजामुद्दीन तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे और सभी अलग-अलग जगहों के रहने वाले है।
भोपाल के ऐशबाग की रहमानी मस्जिद में इन लोगों में से 11 की जमात मिली है। जहांगीराबाद के 2 मस्जिदों में भी लोग मिले हैं, जहांगीराबाद की सिकंदराजहां मस्जिद में 8 लोगों की जमात मिली है।
तब्लीगी जमात आधुनिकता को खारिज करते हुए पैगंबर मोहम्मद के समय की प्रणाली को अपनाने के लिए प्रचार करती है। यही विचारधारा वहाबी-सलाफिस्ट की भी है, जिसका कई इस्लामिक आतंकवादी समूह भी अनुसरण करते हैं। तब्लीगी जमात को इस्लाम को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते धर्मों में से एक बनाने का श्रेय दिया जाता है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए उपराज्यपाल को लिखा है, मुझे पूरी उम्मीद है कि वह जल्द ही आदेश देंगे। अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की तहसील नगीना की मस्जिद में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से आए इंडोनेशिया के आठ धर्मप्रचारक मिले।
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