गुतारेस ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो साफ है कि भीषण वैश्विक खाद्यान्न आपात स्थिति का जोखिम बढ़ रहा है। इसका दीर्घावधि में करोड़ों बच्चों और युवाओं पर असर हो सकता है।
वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में 6 करोड़ से अधिक लोग निपट गरीबी के दलदल में फंसेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के निकाय विश्व खाद्य कार्यक्रम ने आगाह किया है कि दुनिया ''भुखमरी की महामारी'' के कगार पर खड़ी है और अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए कुछ ही महीने में भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है।
गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने वाली एक अग्रणी संस्था ऑक्सफैम ने बृहस्पतिवार को चेताया कि विकासशील देशों की मदद के लिए अगर धनी देश त्वरित कदम नहीं उठाऐंगे तो कोरोना वायरस के कारण करीब 50 करोड़ लोग गरीबी के भंवर में फंस जाएंगे।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कुछ सांसदों ने सीनेट सचिवालय में एक प्रस्ताव जमा कराया है जिसमें कहा गया है कि सीनेट के चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन तथा नेशनल एसेंबली के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर की तनख्वाहों में चार सौ गुना की और सभी सांसदों के वेतन में सौ गुना की वृद्धि की जाए।
भारत में 1990 के बाद से गरीबी के मामले में स्थिति में काफी सुधार हुआ है और इस दौरान उसकी गरीबी दर आधी रह गई। भारत ने पिछले 15 साल में 7 प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण, 2018 के अनुसार पाकिस्तान में आधे से अधिक इतने गरीब परिवार हैं कि वे दिन में दो बार खाना तक नहीं खा सकते। इससे देश में कुपोषण देखने को मिल रहा है।
इमरान खान ने कहा कि एक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी लॉन्च किया गया है जो 38 जिलों के 33 लाख लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को रोजगार, भ्रष्टाचार, किसानों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि यह सरकार स्वीकारने को तैयार नहीं है कि देश में बेरोजगारी रूपी संकट है।
वित्त वर्ष 2005-06 से 2015-16 के बीच के एक दशक में भारत में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं, जो एक आशाजनक संकेत है कि गरीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई जीती जा सकती है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यह दावा किया कि एनडीए के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 5 करोड़ गरीब लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल आए हैं और स्वच्छ भारत अभियान के जरिये 3 लाख बच्चों के जीवन को सुरक्षित बनाया गया है।
गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में भी बोला। उन्होंने कहा, जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा।
वा बनाने वाली कंपनी ल्यूपिन की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा ल्यूपिन फाउंडेशन तीन जिलों को 2022 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लेगी।
दवा कंपनी ल्यूपिन की कॉरपॉरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) शाखा ल्यूपिन फाउंडेशन तीन जिलों को 2022 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लेगी। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का एक-एक जिला शामिल है।
गरीबी में लगातार कमी के चलते भारत अब दुनिया में सबसे बड़ी गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा है। अमेरिका के शोध संस्थान ब्रूकिंग्स ने अपने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। फर्म के ब्लाग में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार 2018 की शुरुआत में ही, अत्यधिक गरीबी में जीवन यापन कर रही सबसे बड़ी आबादी के लिहाज से नाइजीरिया, भारत से आगे निकल गया। यही नहीं, कांगो जल्द ही इस सूची में दूसरे नंबर पर आ सकता है।
चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 2013 में सत्ता में आने के बाद से पिछले 5 वर्षों में 6 करोड़ 80 लाख लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है...
महबूबा ने कहा, मैं खुश हूं कि कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री मोदी का टीवी पर इंटरव्यू देखा जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे लिए कितना अच्छा होता कि पाकिस्तान और भारत ने मिलकर गरीबी से लड़ा होता...
नीति आयोग ने कहा कि 2022 तक देश को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी 6 समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जमीन तैयार कर ली जाएगी
एक शेर है-''है कहां तमन्ना का दूसरा क़दम या रब, हमने दश्त-ए-इम्कां को इक नक़्श-ए-पा पाया.'' ग़ालिब ने सही ही कहा है अगर हिम्मत हो तो संभावनाओं का जंगल (दश्त-ए-इम्कां) एक क़दम बढ़ाते ही पैरों के नीचे आ जाता है.
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