पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने उन्हें आश्वस्त किया था कि 'अगर भारत आजाद कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) पर हमला करता है तो पाकिस्तानी सेना भारत के लिए (मुकाबले के लिए) तैयार है।'
पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अपने प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए संकटमोचक की भूमिका में आ गए हैं।
पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात के दौरान देश के शीर्ष कारोबारी इमरान सरकार की नीतियों पर गुस्से में फट पड़े। उन्होंने अर्थव्यवस्था की हालत पर गंभीर चिंता जताते हुए इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे 'उदासीन प्रयासों' की जमकर आलोचना की।
पाकिस्तान ने अब एक नये तरह के युद्ध की शुरुआत कर दी है और इसके लिये उसने आईएसआईएस वाली रणनीति अपनानी शुरू कर दी है। इस जंग में दिमाग़ तो पाक सेना चीफ बाजवा का है लेकिन हथियार चीन से ख़रीदा गया है। यही वजह है कि इस वक़्त भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर निगरानी कई गुना बढ़ा दी गई है।
सोचने वाली बात ये है कि जनरल क़मर जावेद बाजवा ने अपनी सर्विस के दौरान ऐसा कौन सा कमाल दिखाया जिसकी वजह से उन्हें इन तमग़ों से नवाज़ा गया है? सच्चाई यह है कि पाकिस्तान की सेना में मेडल पहनना एक ज़बरदस्ती वाली रस्म है।
कश्मीर पर पूरी दुनिया में अकेला पड़ने के बावजूद पाकिस्तान के अक्ल ठिकाने नहीं आ रही है। अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने जंग की गीदड़भभकी दी है।
इस परिवार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल बाजवा से अपील की है कि उनकी बहन की तलाश की जाय और उन्हें लौटाया जाए।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस वक्त पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय सीमा के पास बंकर खोदने के साथ-साथ बॉर्डर की साफ-सफाई भी करा रहा है। मतलब साफ है कि पाकिस्तान भारत के साथ पांचवें युद्ध की रणनीति बना रहा है।
जनरल बाजवा को नवंबर 2016 में पाक सेना प्रमुख के पद पर बैठाया गया था। यह नियुक्ति तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने की थी। ऐसा माना जाता है कि बाजवा को कश्मीर मसले पर लंबा अनुभव है। उनके दोबारा चयन का भी ये ही आधार माना जा रहा है।
इमरान खान सरकार ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा का कार्यकाल अगले 3 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है।
सभी को पता है कि पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी का बच्चा है। सिर्फ मसूद ही नहीं, हाफिज सईद, सलाउद्दीन समेत तमाम दहशतगर्दों को पाकिस्तानी आर्मी और वहां की हुकूमत की सरपस्ती हासिल है।
अखिर सिद्धू क्यों इस तरह के बयान दे रहे हैं, क्या ये सिर्फ बड़बोलापन है, या फिर सिद्धू ने कुछ और सोच रखा है?
70 साल का इतिहास बदल रहा था लेकिन इस बदलाव के बयार के बीच भी पाकिस्तान अपनी फितरत के मुताबिक पुरानी चालें ही चल रहा था। पाकिस्तान की बातों पर भरोसे और विश्वास का कितना अभाव है, ये बातें थोड़ी ही देर में तब सामने आ गई।
करतारपुर कॉरिडोर पर काम शुरू होने को लेकर हो रहे कार्यक्रम के दौरान खालिस्तानी समर्थक नेता गोपाल चावला को देखा गया जो पाकिस्तान आर्मी चीफ के साथ हाथ मिला रहा था
अमरिंदर सिंह कमर वाजवा को चेतावनी देते हुए कहा कि वे भी एक पंजाबी हैं और अपने यहां माहौल खराब करने के लिए किसी को किसी की सीमापार से आने की इजाजत नहीं देंगे
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने रक्षा एवं शहीद दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बयान दिए।
1965 के युद्ध को पाकिस्तान रक्षा दिवस के तौर पर मनाता है। इस मौके पर राजधानी इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, राष्ट्रपति ममनून हुसैन और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा मौजूद थे।
सिद्धू गत 18 अगस्त को पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने वहां गए थे और उस दौरान पाकिस्तानी जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था।
शपथ-ग्रहण समारोह में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे थे लेकिन उनके द्वारा जाने-अंजाने में कुछ ऐसा हो गया है, जिसपर सवाल उठने लगे हैं।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा मंगलवार को काबुल पहुंचे, जहां उनके 'चीफ ऑफ डिफेंस' सम्मलेन में शामिल होने की उम्मीद है।
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