आजकल के लाइफस्टाइल में लोगों के खान-पान का ठिकाना नहीं है, इसलिए उन्हें कब्ज जैसी बीमारी की शिकायत रहती है।
वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही यानि अप्रैल से जून के दौरान देश से चावल निर्यात में 4 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है, वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा की तरफ से यह जानकारी दी गई है
केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं की रिकॉर्ड 3.5 करोड़ टन से अधिक की खरीद की है। अब सरकार उत्तर और मध्य भारत में मानसून आने से पहले अनाज के उचित भंडारण के लिए अतिरिक्त भंडारण सुविधा किराये पर लेने की योजना बना रही है।
मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 में रिकॉर्ड चावल निर्यात के बाद अब नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत भी बढ़े हुए चावल निर्यात से हुई है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के पहले महीने अप्रैल के दौरान देश से चावल निर्यात में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दुनिया में चावल के सबसे बड़े उपभोक्ता देश चीन ने भारतीय से चावल आयात की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही भारत सरकार और चीन के कस्टम विभाग (General Administration of Customs of People Republic of China) के बीच इसको लेकर प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर होंगे। वाणिज्य मंत्रालय की संस्था एपीडा की तरफ से यह जानकारी दी गई है
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के विद्यार्थियों के छात्रावासों को बीपीएल दर पर प्रति छात्र 15 किलो गेहूं अथवा चावल प्रति माह उपलब्ध कराएगी। यह योजना ऐसे छात्रावासों में भी लागू की जाएगी जहां कम से कम दो-तिहाई छात्र इन वर्गो के हों।
चीन सोयाबीन, कपास और चावल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है जबकि भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है, ऐसे में चीन का बाजार भारत के लिए खुल सकता है
2017-18 में अप्रैल से नवंबर में निर्यात हुए 81.91 लाख टन चावल में से 55.70 लाख टन चावल गैर बासमती है और 26.21 लाख टन चावल बासमती है।
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सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के अनुरूप देश की 81 करोड़ जनता को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल अगले साल जून तक दिया जाता रहेगा।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जुलाई से शुरू होने वाले फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना है।
राशन के जरिए दो रुपए किलो बिकने वाले गेहूं और तीन रुपए किलो बिकने वाले चावल की आर्थिक लागत पिछले पांच साल के दौरान क्रमश: 26 फीसदी और लगभग 25 फीसदी बढ़ी है।
FCI ने कहा अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और देश की कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है।
केंद्र सरकार जुलाई से शुरू हो रहे फसल वर्ष 2017-18 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है। किसानों को 1550 रुपए का भाव मिलेगा।
पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों को राशन की दुकानों पर यह दर्शाना चाहिए कि खाद्यान्न पर केंद्र और राज्यों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी दी जा रही है।
सरकार ने खाद्यान्न उत्पादन को लेकर अपना दूसरा अग्रीम अनुमान जारी कर दिया है। 2016-17 के दौरान देश में रिकॉर्ड 27.198 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होगा।
सरकार ने कहा कि उसकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडीप्राप्त खाद्यान्न के लिए आधार कार्ड को आवश्यक बनाने की योजना है।
सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले मार्केटिंग वर्ष 2016-17 के लिए 3.3 करोड़ टन चावल खरीद का लक्ष्य रखा है।
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