शताब्दी, राजधानी तथा दुरंतो ट्रेनों में टिकट के साथ लिया जाने वाला कैटरिंग शुल्क यात्री के टिकट की श्रेणी के अनुसार अलग-अलग होता है।
सभी ट्रेनों में कैटेरिंग सर्विस इस साल के अंत तक IRCTC के हवाले कर दी जाएंगी। सात राजधानी और छह शताब्दी ट्रेनों में ई-कैटेरिंग सुविधा मिलेगी।
लेकिन इन ट्रेनों के संचालन से पूर्व, पहले से चलने वाली शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में कई बदलाव किए जाएंगे। सबसे पहले इसके इंटीरियर डिजाइनिंग में बदलाव किया जाएगा जिसमे करीब 50-50 लाख की लागत लगेगी।...
भारतीय रेलवे की दो बेहतरीन ट्रेनों राजधानी और शताब्दी में आपका सफर अब और भी शानदार होने जा रहा है। रेलवे इन दोनों ट्रेनों के कायापलट की तैयारी में है।
राजधानी, शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में अधिकांश सीटें खाली रहने की समस्या का सामना कर रही रेलवे अब अपने फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को बदलने जा रही है।
फ्लेक्सी फेयर के सिस्टम यह बदलाव अगले 6 महीने के लिए किया गया है। गौरतलब है कि फ्लेक्सी फेयर के तहत रेलवे को यात्री नहीं मिल रहे हैं।
रेलवे एक ऐसे मैकेनिज्म पर काम कर रहा है, जिसके तहत यदि लीन सीजन में प्रीमियम ट्रेनों में बर्थ खाली है तो उसे बेस किराये से कम पर भी उपलब्ध कराया जाए।
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम से रेलवे की आय में कोई खास फर्क पड़ने की संभावना नहीं है पर इससे यात्रियों का खर्च बढ़ने के साथ समस्या जरूर बढ़ेगी।
राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेन के लिए आपको अब ज्यादा किराया चुकाना पड़ेगा। रेल मंत्रालय 9 सितंबर से इन ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू करेगी।
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