Jaishankar at UAE summit meet with Europe Britain and Egypt counterpart gives new impetus to bilateral relations
भारत ने अमेरिका के सिएटल में एआई शिखर सम्मेलन से पहले लोग, ग्रह और प्रगति पर प्रकाश डालने वाला कार्यक्रम किया। इसमें प्रौद्योगिकी और एआई उद्योग के दिग्गजों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।
पुतिन और ट्रंप की अगली मुलाकात अब मास्को में हो सकती है। क्योंकि पुतिन ने खुले तौर पर ट्रंप को मास्को में मीटिंग का निमंत्रण दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन ने कहा-"अगली बार मास्को में.."
18 से 20 जुलाई 2025 को लंदन के वेस्टमिंस्टर पैलेस में पहला GSUA 2025 शिखर सम्मेलन, पुरस्कार समारोह और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। यह आयोजन वैश्विक दक्षिण के 134 देशों, जो विश्व की 88% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, के सामने आने वाली ठोस चुनौतियों से निपटने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने समापन समारोह के बाद कहा, ‘‘हमारे अधिकारियों ने सभी प्रस्तावों की जांच की और सिर्फ उन्हीं प्रस्तावों पर आगे बढ़े जिन पर अगले तीन-चार साल में कदम उठाए जा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि असम सरकार मात्रा की तुलना में गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान देती है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यूनिख के सुरक्षा सम्मेलन में दुनिया के सामने लोकतंत्र की ताकत का महत्व बताया है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों की कथनी और करनी में अंतर होने पर लपेटा भी है।
PM Modi in France: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे के खास पल...इसे नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में एआई शिखर सम्मेलन के दौरान निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्हें भारत आने को प्रोत्साहित किया। पीएम मोदी ने फ्रांसीसी निवेशकों से कहा कि भारत आने का यही सही समय है।
प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में फ्रांस के दौरे पर जाने वाले हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से यह जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी 11-12 फरवरी को फ्रांस के एआई शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
ब्राजील में चीन-एलएसी सम्मेलन में 17 देशों का जमावड़ा हुआ। इसमें लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों का जमावड़ा हुआ।
नरेंद्र मोदी इस वक्त तीसरे टर्म की सबसे महत्वपूर्ण मीटिंग कर रहे हैं। इटली में हो रहे G7 समिट में..मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति से मिल चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मोदी की One To One मीटिंग हो चुकी है। इटली की पीएम मेलोनी से मोदी की मुलाकात हो चुकी है।
चीन, जापान और दक्षिण कोरिया सोमवार को सियोल में एक मंच पर जुटने जा रहे हैं। इस दौरान वह समुद्री सुरक्षा और व्यापार समेत कई नीतियों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले 2019 में तीनों देशों ने एक साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
यूक्रेन और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि प्रस्तावित सम्मेलन के संबंध में कई देशों के साथ विचार-विमर्श किया गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जब तक रूस के लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते, यूक्रेन में शांति कायम नहीं होगी।
12 दिसंबर से दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट 2023 शुरू होने जा रहा है। पीएम मोदी इस समिट का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिट को लेकर सोशल मीडिया लिंक्डइन पर एक पोस्ट किया और देश की जनता को इस समिट में आने के लिए इनवाइट किया है।
दुबई में चल रहे कॉप-28 सम्मेलन में गरीब और विकासशील देशों ने मिलकर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत जलवायु संकट पैदा करने वाले अमीर देशों को मिलकर प्रभावित गरीब और मध्यम विकासशील देशों को जुर्माना देना होगा। ताकि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उनकी जंग भी मजबूत हो सके।
दुबई में 1 दिसंबर से आयोजित होने जा रहे विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (COP-28) में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यूएई की अध्यक्षता में हो रहे इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को ठोस समाधान निकलेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सैन फ्रांसिस्को में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के सम्मेलन में 3 बड़े मुद्दों पर आम सहमति का ऐलान किया है। बाइडेन ने कहा है कि आइपीएफ के सभी 14 सदस्य देशों में इन मुद्दों पर सहमति है। आगे हमें मिलकर बहुत से काम करने हैं।
गाजा पर हो रहे इजरायली हमले के खिलाफ पहली बार एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है। हालांकि इस शिखर सम्मेलन में ईरान और सऊदी अरब ही शामिल हो रहे हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने गाजा में संघर्ष विराम नहीं होने देने कि लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान इस वक्त सऊदी से अपने रिश्ते सामान्य करने में जुटा है।
जम्मू-कश्मीर लगातार बदल रहा है। यहां विनाश के गोले की जगह अब विकास की नदियां बहने लगी हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछाया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, सड़कें, एयरपोर्ट, रेलवे का व्यापक नेटवर्क जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है। राज्य में आयुर्वेद की गंगा बहाना इसका अगला चरण है।
जलवायु परिवर्तन के खतरों ने पूरी दुनिया को बर्बादी के मुहाने पर ला कर खड़ा कर दिया है। ऐसा शायद ही कोई देश हो जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का दंश न झेल रहा हो। इसके समधान के लिए ब्राजील में शिखर सम्मेलन का प्लान बन रहा है।
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