स्वामी विवेकानंद ने अपने करीबियों और शिष्यों से कई मौकों पर कहा था कि वह 40 वर्ष की आयु तक जीवित नहीं रहेंगे। 4 जुलाई 1902 को उन्होंने 'महासमाधि' की अवस्था में देह त्याग दी।
पीएम ने गुजरात का जिक्र करते हुए कहा कि जब गुजरात अलग राज्य बन रहा था तब सभी ने कहा था कि गुजरात अलग होकर क्या करेगा, लेकिन लीडरशिप के दम पर गुजरात नंबर एक राज्य बना।
Swami Vivekananda Jayanti 2025: स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवनकाल के दौरान कई ऐसी शिक्षाएं दी हैं, जिन्हें अगर हम अपने जीवन में उतार लें तो ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
देशभर में आज राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा है। इस संबंध में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। आइये जानते है राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है...
स्वामी विवेकानंद को युवा अपना प्रेरणास्त्रोत मानते हैं। उनकी दी हुईं शिक्षाएं आज भी युवाओं का पथ प्रदर्शन कर रही हैं। आज विवेकानंद की जयंती है। इस मौके पर हम आपको विवेकानंद और बंदरों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव युवाओं के लिए मिशन लॉन्च करेंगे, इसके साथ ही भोपाल के शौर्य स्मारक में विश्व की सबसे बड़ी 3-D रंगोली भी आकर्षण का केंद्र होगी।
भारत के एक अहम राज्य में समुद्र के ऊपर देश का पहला 'ग्लास ब्रिज' बनाया गया है। इस परियोजना की लागत 37 करोड़ रुपये की है। पुल का सोमवार को उद्घाटन भी कर दिया गया है।
भारत की अध्यात्मिक ताकत का लोहा पूरी दुनिया युगों-युगों से मानती रही है। देश के सुविख्यात ऋषियों, मुनियों और संतों ने अपने पुरुषार्थ से मां भारती के कण-कण को अभिसिंचित करके दुनिया में भारत की अमिट छाप छोड़ी है। यही वजह है कि भारत की अध्यात्मिक का गाथा और उसके हिंदुत्व की ज्वाला दुनिया को आज भी रौशन करती है।
11 सितंबर, 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म महासभा में अपना भाषण दिया था। तब उनके शब्दों ने आने वाली पीढ़ियों के कई लोगों को प्रेरित किया। इनमें एक 17 साल के नरेंद्र मोदी भी शामिल थे।
स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। 4 जुलाई 1902 को उनका देहावसान हावड़ा के बेलुर मठ में हो गया। स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। एक किस्सा आज हम आपको बताने वाले हैं।
पीएम मोदी ने कहा, आज यदि भारत में लोकतंत्र है और सहिष्णुता है तो इसकी वजह है कि देश में हिंदू समाज बहुसंख्यक है। इन लोगों ने तो हिंदू आतंकवाद जैसी शब्दावली भी गढ़ दी थी। कांग्रेस के रवैये को देश की जनता माफ नहीं करेगी।
लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार अभियान खत्म होने के बाद पीएम मोदी ने कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान शुरू कर दिया है। पीएम मोदी 1 जून की शाम तक यहीं रहने वाले हैं।
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव अभियान की समाप्ति के साथ पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा और पीएम मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में ध्यान करने के कार्यक्रम के बीच इस 33 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर आप वायरल होते देख सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर 45 घंटे का ध्यान करेंगे। इसके लिए वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वे 30 मई की शाम से एक 1 जून की शाम तक ध्यान करेंगे।
30 मई की शाम को लोकसभा चुनाव के प्रचार के थमने के बाद पीएम मोदी आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी जिले में प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाएंगे। हालांकि, कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का विरोध किया है।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल को भारत का सबसे आखिरी दक्षिणी छोर माना जाता है। जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था।
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। पीएम मोदी का ये कन्याकुमारी दौरा 30 मई से 1 जून तक का होगा। वह 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग के पहले केदारनाथ गए थे। वोटों की गिनती से पहले उन्होंने केदारनाथ मंदिर में पूजा-पाठ किया था।
विवेकानंद हिन्दुस्तान के एक ऐसे संन्यासी रहे हैं, जिनके संदेश आज भी लोगों को उनका अनुसरण करने को मजबूर कर देते हैं लेकिन उनके जीवन से जुड़ी एक घटना शायद आप नहीं जानते होंगे।
दुनिया के सबसे बड़े यूथ आईकॉन एवं महान आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है। 12 जनवरी 1863 को उनका जन्म कलकत्ता में हुआ था। लेकिन क्या आपको पता है कि वो सन्यासी कैसे बन गए और किसने उन्हें स्वामी विवेकानंद का नाम दिया।
अमोघ लीला दास इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISCON) से जुड़े हुए हैं। विवेकानंद पर उनके बयान के बाद जब विरोध शुरू हुआ तब इस्कॉन ने उनपर महीने भर का प्रतिबंध लगा दिया था।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़