संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 2 साल के लिए भारत की अस्थाई सदस्यता का संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में एशिया प्रशांत समूह ने समर्थन किया है
भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के लंबे समय से लंबित पड़े सुधारों के लिए दवाब देने वाले प्रयासों में सबसे अग्रणी है और इस बात पर जोर देने में कि वह संयुक्त राष्ट्र की महत्त्वपूर्ण संस्था में एक स्थायी सदस्य के तौर पर उचित जगह का हकदार है।
पाकिस्तान ने भी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद उसकी संपत्तियां सील करने और उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। पाकिस्तान में रहने वाले अजहर के हथियार खरीदने-बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान मसूद अजहर को लेकर आए फैसले को कम करके दिखाने की कोशिश कर रहा है, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए वह मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहा है
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों के पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान काफी वैश्विक दबाव का सामना कर रहा है।
इतना ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को खत्म किए जाने के अपने पूराने वचन को भी दोहराया, पार्टी ने कहा कि वह इन दोनो अनुच्छेदों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है
चीन ने सोमवार को दावा किया कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के मुद्दे को सुलझाने में “सकारात्मक प्रगति” हुई है।
चीन जहां पाकिस्तान में बैठे मसूद अजहर को आतंकी नहीं मानता है वहीं अपने यहां के उइगर मुस्लिम उसको आतंकी दिखाई देते हैं। बता दें कि हाल ही में चीन ने दावा किया था कि उसने हिंसाग्रस्त शिनजियांग प्रांत में 2014 से जारी कार्रवाई के तहत अब तक करीब 13 हजार आतंकियों को गिरफ्तार किया है।
साथ ही चीन के अखबार ने चेताया, 'यदि आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी राष्ट्रवाद को उभारने और लोकप्रियता हासिल करने के लिए चीन का डर दिखाएंगे तो यह खतरनाक होगा।'
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन के अड़ंगा लगाने से गिर गिया था जिसके बाद जर्मनी ने ये पहल की है।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि भाजपा आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का दावा नहीं कर सकती है क्योंकि मसूद अजहर के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
‘‘यदि चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। ’’
कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा ने आज कहा कि आपकी विरासत के कारण ही चीन सुरक्षा परिषद का सदस्य है।
बाबा रामदेव ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा ’’#मसूदअजहर समर्थक #China सहित जो भी देश और देश के अंदर लोग हैं उनका हमें राजनैतिक, सामाजिक. आर्थिक तौर पर बहिष्कार करना चाहिए, चीन तो विशुद्ध रूप से व्यवसायिक भाषा ही समझता है, आर्थिक बहिष्कार युद्ध से ज्यादा ताकतवर है।’’
भाजपा ने अपने ट्विटर हेंडल के जरिए राहुल गांधी के आरोप का जवाब देते हुए लिखा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की कीमत पर आपके पर परदादा ने चीन को ‘गिफ्ट’ देकर स्थाई सदस्यता दिलाई थी
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने चीन को चेतावनी दे दी है। चीन से कहा गया है कि अगर वो मसूद अज़हर को लेकर अपने रुख को नहीं बदलेगा तो दूसरी कार्रवाई के विकल्प खुले हैं।
चीन भले ही खुद को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनाने की तरफ आगे बढ़ रहा हो, भले ही चीन अपनी आर्थिक ताकत का डंका पीटने में लगा हो लेकिन सच ये है कि उसकी ये ताकत दुनिया के आतंकियों की मोहताज बन गई है।
चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखनेवाला सदस्य है और सबकी निगाहें चीन पर हैं जो पूर्व में अजहर को संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में अड़ंगा डाल चुका है।
जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद पर फैसले में सबसे बड़ा अड़ंगा चीन लगाता रहा है। इससे पहले कम से कम तीन बार चीन मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने और उस पर बैन लगाने की कोशिशों पर ब्रेक लगा चुका है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख सईद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत दिसंबर 2008 में पाबंदी लगाई थी।
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