Thursday, May 02, 2024
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पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को हाईकोर्ट ने दी राहत, 37 साल पुराने सामूहिक हत्या के मामले में किया बरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 37 साल पुराने हत्या के मामले में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को बरी कर दिया है। 37 साल पहले एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

Reported By : Imran Laeek Edited By : Amar Deep Updated on: November 20, 2023 14:22 IST
पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह 37 साल पुराने मामले में बरी।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह 37 साल पुराने मामले में बरी।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां हाईकोर्ट ने पूर्वांचल के माफिया डॉन व पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को बड़ी राहत दी है। एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट ने पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को बरी करने का फैसला सुनाया है। बता दें कि कोर्ट ने 37 साल पुराने मामले में यह फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह से जुड़े 37 साल पुराने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। बता दें कि यह फैसला चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस अजय भनोट की डिवीजन बेंच ने सुनाया है।

13 लोगों को बनाया गया था आरोपी

दरअसल, चंदौली जिले में 37 साल पहले एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। वहीं अब इलाहाबाद होईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को बरी कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने इसी मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने चार आरोपियों देवेंद्र सिंह, वकील सिंह, राकेश सिंह और पंचम सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक ही परिवार के सात लोगों की सामूहिक हत्या के मामले में इन्हीं चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। 

चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

बता दें कि 1986 में एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 2018 में ट्रायल कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके बाद यूपी सरकार और पीड़ित पक्ष ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं इस मामले में सुनवाई होने के बाद हाईकोर्ट ने 9 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाया गया। हाईकोर्ट ने पूर्व एमएलसी सहित 9 आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि इस मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चारों लोगों के खिलाफ ठोस सबूत मिलने पर उन्हें सजा सुनाई है। 

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