महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से प्रशासनिक संवेदनहीनता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां चरखारी तहसील क्षेत्र के चंदौली गांव में तैनात लेखपाल पर आरोप है कि उसने मुआवजा मांग रहे पीड़ित किसान को जान देने की सलाह दे दी। इस बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल ऑडियो में सुना जा सकता है कि लेपखला के द्वारा किसान को यह सलाह दी जा रही है कि अगर वह जान दे देगा तो उसे ज्यादा पैसे मिल जाएंगे। वहीं ऑडियो वायरल होने के बाद राजस्व कर्मियों में हड़कंप मच गया।
आग लगने से हुआ भारी नुकसान
पीड़ित किसान राघवेंद्र का कहना है कि कुछ दिन पहले उसके घर में आग लग गई थी। आग लगने की वजह से घर में रखा उसका अनाज, गृहस्थी, लकड़ी और शादी के लिए रखा सामान जलकर पूरी तरह राख हो गया था। घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारी और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। उन्होंने पीड़ित को हरसंभव मदद और मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया गया था। घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद जब पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं मिला तो पीड़ित राघवेंद्र ने क्षेत्रीय लेखपाल राजकुमार से फोन पर संपर्क किया।
मुआवजा मांगने पर मिली जान देने की सलाह
आरोप है कि लेखपाल ने किसान से कहा कि उसे 4 हजार रुपये से ज्यादा मुआवजा नहीं मिल सकता। जब किसान ने अधिक मुआवजे की जानकारी मांगी, तो लेखपाल ने कथित तौर पर कहा, “अगर ज्यादा मुआवजा चाहिए तो बाइक सहित किसी ट्रक के नीचे आकर मर जाओगे तो पांच लाख मिल जाएगा।” इस अमानवीय और असंवेदनशील टिप्पणी का ऑडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ऑडियो सामने आने के बाद प्रशासन और राजस्व विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल इस मामले में प्रशासन की ओर से जांच की बात कही जा रही है, वहीं पीड़ित किसान न्याय और उचित मुआवजे की मांग कर रहा है। (इनपुट- शांतनु सोनी)
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