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Lok Sabha Elections 2024: अलीगढ़ में मुस्लिम युवतियों की क्या है सबसे बड़ी परेशानी? पढ़ें उन्हीं की जुबानी

यूपी में बड़ी मुस्लिम आबादी बसती है। यहां मुस्लिम युवतियों को कई दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। वे चाहती हैं कि उन्हें पढ़ाई के बाद नौकरी और रोजगार मिले। वे उस समय में वापस नहीं जाना चाहतीं, जब पढ़ाई-लिखाई का उनका एकमात्र उद्देश्य यह था कि उन्हें एक अच्छा पति मिल सके।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Apr 24, 2024 11:26 IST, Updated : Apr 24, 2024 11:26 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मुस्लिम युवतियों के लिए मौजूदा लोकसभा चुनाव में नौकरी और सुरक्षा बड़ा चुनावी मुद्दा हैं। युवा मुस्लिम महिला मतदाताओं के लिए नौकरियां न केवल आजीविका का साधन हैं बल्कि महत्वपूर्ण रूप से स्वतंत्रता और सुरक्षा का मार्ग भी हैं। शादी के लिए पारिवारिक दबाव का सामना कर रहीं 21 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट सलमा खातून (बदला हुआ नाम) ने अपने जैसी युवतियों के लिए रोजगार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, नौकरी ढूंढना सिर्फ करियर से कहीं ज्यादा है क्योंकि यह मेरी आजादी से जुड़ा मुद्दा है। अगर मुझे नौकरी नहीं मिलती है, तो मुझे अपने परिवार की इच्छाओं का पालन करना होगा।’’

नौकरी ना मिलने पर शादी करने की सलाद देते हैं पेरेंट्स

इसी तरह, पहली बार मतदाता बनीं कंप्यूटर इंजीनियरिंग की छात्रा सैयदा फातिमा को उनके परिवार ने सलाह दी है कि अगर उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती है तो वे शादी को प्राथमिकता दें। जिले में मुस्लिम महिलाओं के बीच एक आम भावना का जिक्र करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की सेवानिवृत्त शिक्षिका फरहत जहां ने कहा, ‘‘यहां महिलाओं के लिए, नौकरियां न केवल आजीविका बल्कि स्वतंत्रता और सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करती हैं। वे उस समय में वापस नहीं जाना चाहतीं, जब पढ़ाई-लिखाई का उनका एकमात्र उद्देश्य यह था कि उन्हें एक अच्छा पति मिल सके।’’

सबसे बड़ी समस्या है बेरोजगारी

लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा यहां की महिलाओं के बीच मजबूती से गूंजता है। एएमयू में 29 वर्षीय पीएचडी स्कॉलर असरा अलवी ने रोजगार हासिल करने की चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की, खासकर अकादमिक क्षेत्र में। शैक्षणिक पदों में कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हम लैंगिक या धर्म से परे एक मुख्य समस्या का सामना कर रहे हैं, वह बेरोजगारी है।’’

रोजगार और महिला सुरक्षा प्राथमिकता

एएमयू में आधुनिक भारतीय इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट कर रहीं 22 वर्षीय सदफ तस्नीम ने रोजगार और सुरक्षा सहित महिलाओं को प्रभावित करने वाली बहुमुखी चिंताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘देश में मौजूदा हालात को देखते हुए एक छात्रा के तौर पर मैं रोजगार और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दूंगी।’’ सदफ ने कहा कि इस समय प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं और देश में रोजगार के बारे में बहुत भ्रम की स्थिति है। (भाषा)

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