Sunday, December 28, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने 25,752 शिक्षण और गैर शिक्षण नौकरियों को किया रद्द, सीएम ममता बनर्जी ने कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25,752 शिक्षण और गैर शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया है। इस पर सीएम ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई और सवाल उठाया है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Apr 03, 2025 03:52 pm IST, Updated : Apr 03, 2025 04:54 pm IST
Supreme Court cancels 25752 teaching and non teaching jobs CM Mamata Banerjee said this- India TV Hindi
Image Source : PTI सीएम ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 25,752 शिक्षण और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता जताई है और सवाल उठाया है कि इन शिक्षकों के बिना स्कूल कैसे चलेंगे। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "जिन लोगों की नियुक्तियां रद्द की गईं, उनमें से 11,610 कक्षा 9 और 10 को पढ़ा रहे थे, जबकि 5,596 कक्षा 11 और 12 को पढ़ा रहे थे। बाकी अन्य कक्षाओं के लिए जिम्मेदार थे। इनमें से कई शिक्षक बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन भी कर रहे थे। अगर हम मान लें कि सभी 26,000 शिक्षकों ने अपनी नौकरी खो दी है, तो स्कूलों में कौन पढ़ाएगा?" सीएम ममता बनर्जी ने इस दौरान भाजपा नेता सुकांत मजूमदार पर भी निशाना साधा।

ममता बनर्जी का बयान

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "इतने सारे लोगों की नौकरी जाने के बाद, मैंने फेसबुक पर उनका बयान देखा। उनका दावा है कि अयोग्य लोगों की वजह से योग्य उम्मीदवारों की नौकरी चली गई और इसके लिए हम जिम्मेदार हैं। जब पहली बार मामला दर्ज किया गया था, तो क्या उन्होंने इस बात पर विचार किया कि कौन योग्य था और कौन नहीं? उन्होंने सरकार को समीक्षा करने का मौका भी नहीं दिया।" बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। इस पर ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने हमें तीन महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा है और हम इसे पूरा करेंगे। मैंने पहले ही शिक्षा मंत्री को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के साथ इस मामले पर चर्चा करने का निर्देश दिया है। एसएससी एक स्वायत्त निकाय है और वे इसे सर्वोत्तम तरीके से संभालेंगे। हालांकि, हम चाहते हैं कि यह जल्दी हो।"

ममता बनर्जी ने खड़े किए सवाल

सीएम ममता बनर्जी ने इस दौरान अहम सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने पूछा, "पूर्व शिक्षा मंत्री इस मामले में लंबे समय से जेल में हैं। लेकिन एक व्यक्ति के अपराध की सजा कितने लोगों को भुगतनी पड़ेगी?" उन्होंने आगे तर्क दिया, "आत्मरक्षा के लिए भी कुछ अवसर होने चाहिए। इतने सारे शिक्षकों का भविष्य दांव पर है। यह मत भूलिए कि वे सभी शिक्षक हैं। क्या भाजपा का लक्ष्य शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करना है?" वहीं कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया, 'जो लोग पहले से कार्यरत हैं, उन्हें अपना वेतन वापस करना है।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी निगाहें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी ने गुरुवार दोपहर शिक्षामंत्री ब्रत्य बसु के साथ बैठक की। बैठक में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत भी मौजूद थे।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल साल 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने राज्य स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की थी। इस चयन प्रकिया में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया और फिर यह मामला पहुंचे कलकत्ता हाईकोर्ट। इस दौरान 22 अप्रैल 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,752 शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ बंगाल सरकार 29 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट पहंची। इसी माले में अब जाकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

(रिपोर्ट- ओंकार सरकार)

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