Wednesday, May 22, 2024
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आंतकी समूहों को COVID-19 से पैदा कमजोरियों का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए : एंतोनियो गुतारेस

 संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मनोवैज्ञानिक- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ताने-बाने पर पड़े दबाव के कारण इस्लामिक स्टेट, अलकायदा जैसे आतंकी समूहों को ‘कमजोरियों’ का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए । 

Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 07, 2020 0:03 IST
आंतकी समूहों को COVID-19 से पैदा कमजोरियों का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए : एंतोनियो गुतारेस- India TV Hindi
Image Source : FILE आंतकी समूहों को COVID-19 से पैदा कमजोरियों का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए : एंतोनियो गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र,: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मनोवैज्ञानिक- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ताने-बाने पर पड़े दबाव के कारण इस्लामिक स्टेट, अलकायदा जैसे आतंकी समूहों को ‘कमजोरियों’ का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए । गुतारेस ने कहा, ‘‘आतंक के परिदृश्य पर कोविड-19 के असर का पूरी तरह आकलन करना अभी जल्दबाजी होगा ।

लेकिन, हम जानते हैं कि आईएसआईएल, अलकायदा, उससे संबद्ध क्षेत्रीय संगठनों के साथ ही नव नाजी, श्वेत श्रेष्ठता वाला समूह और घृणा फैलाने वाले अन्य गुट विभाजन, स्थानीय संघर्ष, शासन की नाकामी का फायदा उठाने की ताक में होंगे।’’ ऑनलाइन तरीके से आतंक रोधी सप्ताह कार्यक्रम के शुरुआती संबोधन में सोमवार को उन्होंने कहा कि आईएसआईएल इराक और सीरिया में फिर से पैर जमाने की कोशिश कर रहा है । हजारों विदेशी आतंकी लड़ाके क्षेत्र में तथा अन्य जगहों पर लड़ रहे है ।

गुतारेस ने कहा, ‘‘वायरस की तरह आतंकवाद सीमाओं को नहीं पहचानता। यह सभी राष्ट्रों को प्रभावित करता है और इसे साथ मिलकर ही हराया जा सकता है । इसलिए, व्यवहारिक सामधान तलाशने के लिए हमारे पास निश्चित रूप से बहुपक्षवाद की शक्ति होनी चाहिए । ’’

सप्ताह भर चलने वाली चर्चा का मकसद ऐसा मंच प्रदान करना है जहां आतंकवाद रोधी रणनीतिक और व्यावहारिक चुनौतियों के बारे में विचार-विमर्श होगा। इसमें नागरिक संस्था के प्रतिनिधि, निजी क्षेत्र से जुड़े लोग, महिलाएं और आतंकवाद के पीड़ित हिस्सा ले रहे हैं । गुतारेस ने चिंता जताई कि महामारी ने आतंकवाद के नये प्रारूपों की ओर ध्यान दिलाया है । जैसे कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के गलत इस्तेमाल, साइबर हमले और जैव आतंकवाद पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है ।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण मनोवैज्ञानिक-सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दबाव काफी बढ़ गया है। आतंकवादियों को इन कमजोरियों का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए ।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रों को आतंकवादी खतरों पर करीब से नजर रखना चाहिए और जवाब की रणनीति भी तैयार रहनी चाहिए। इसका मतलब है आतंकवाद से मुकाबले के लिए हमें सही प्रौद्योगिकी, उपकरण और रणनीति के हिसाब से हमेशा उनसे आगे रहना चाहिए । भाषा आशीष उमा उमा 0607 2334 संयुक्तराष्ट्र नननन

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