Friday, April 26, 2024
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Iraq Iran News: इराक में 'ईरान' को लेकर बवाल, एक 'मौलवी' की शह पर संसद में घुसी लोगों की भीड़, छिड़ सकता है गृह युद्ध, जानें पूरा मामला

प्रदर्शनकारी प्रभावशाली शिया मौलवी अल-सद्र के समर्थक हैं। अल-सद्र ने ईरान समर्थित राजनीतिक समूहों द्वारा अगली सरकार के गठन के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया है। सद्र के समर्थकों ने 2016 में भी यही चीज तत्कालीन प्रधानमंत्री हैदर अल अबीदी के प्रशासन के तहत की थी।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: July 31, 2022 11:16 IST
Iraq Iran Parliament Ruckus- India TV Hindi
Image Source : PTI Iraq Iran Parliament Ruckus

Highlights

  • इराक की संसद में फिर घुसे प्रदर्शनकारी
  • मौलवी के कहने पर हंगामा कर रहे लोग
  • शिया मौलवी अल-सद्र के समर्थक हैं प्रदर्शनकारी

Iraq Iran News: इस वक्त इराक में इरान का खूब जिक्र हो रहा है। और इसी को लेकर खूब हंगामा भी बरपा जा रहा है। लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए न केवल खूब शोर मचाया बल्कि वो प्रदर्शन करने सीधा देश की संसद तक पहुंच गए। संसद में लोगों के पहुंचने की घटना दूसरी बार हुई है। खबर ये है कि इराक में एक प्रभावशाली शिया मौलवी के हजारों समर्थक शनिवार को देश के संसद भवन में घुस गए थे। एक हफ्ते के अंदर इस तरह की यह दूसरी घटना है। वे ईरान समर्थित समूहों द्वारा सरकार गठन की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं। वहीं, ईरान समर्थित शिया राजनीतिक दलों के गठबंधन ‘कोर्डिनेशन फ्रेमवर्क’ ने जवाबी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है, जिससे इराक में गृह युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।

इराकी सुरक्षा बलों ने शुरुआत में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए। संसद भवन के अंदर घुसने पर प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वह अपनी मांगों पर जवाब मिलने तक वहां से नहीं जाएंगे। शनिवार को संसद का सत्र नहीं चल रहा था, इसलिए वहां कोई सांसद नहीं था। दोपहर तक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हिंसा में करीब 125 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें 100 आम आदमी और 25 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इससे पहले, दिन में मौलवी मुक्तदा अल-सद्र की अपील पर प्रदर्शनकारियों ने इराक के ग्रीन जोन के द्वार के पास लगे सीमेंट के अवरोधकों को गिराने के लिए रस्सी का इस्तेमाल किया था। ग्रीन जोन में सरकारी इमारतें और दूतावास हैं।

2016 में भी हुआ था हंगामा

प्रदर्शनकारी प्रभावशाली शिया मौलवी अल-सद्र के समर्थक हैं। अल-सद्र ने ईरान समर्थित राजनीतिक समूहों द्वारा अगली सरकार के गठन के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया है। सद्र के समर्थकों ने 2016 में भी यही चीज तत्कालीन प्रधानमंत्री हैदर अल अबीदी के प्रशासन के तहत की थी। उल्लेखनीय है कि बुधवार को भी अल-सद्र के सैकड़ों समर्थक संसद भवन में घुस गए थे। शनिवार को शाम में, गठबंधन ने एक बयान में देश को बचाने के लिए अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण तरीके से जवाबी प्रदर्शन करने की अपील की, जिससे सड़कों पर बड़े पैमाने पर खूनखराबा होने की आशंका है।

वहीं संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में इराक में अस्थिरता बढ़ने पर चिंता जताई और इराकी नेताओं से तनाव घटाने की अपील की। इस बीच, न सिर्फ बगदाद बल्कि इराक के अन्य हिस्सों से भी अल-सद्र के समर्थकों का संसद भवन में उमड़ना जारी है। उन्होंने विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ नारेबाजी की। उनका इशारा संभवत: ईरान की ओर है। इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काधिमी ने सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों की रक्षा करने का निर्देश दिया है और प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा है।

इराक में बीते दिनों हुआ था हमला

इराक में हमले और तनाव दूसरे कई कारणों से भी पनपा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में कहा था कि इराक और तुर्किए, इराक के उत्तरी कुर्द इलाके में हुए हमले की संयुक्त जांच के लिए तैयार हैं। इराक में 20 जुलाई को तोपों से किए गए इस हमले में नौ इराकी पर्यटकों की मौत हो गई थी और 33 अन्य घायल हो गए थे। हमले का आरोप इराक ने तुर्किए पर लगाया था लेकिन अंकारा ने इसमें किसी तरह का हाथ होने से इनकार किया है। इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत जीनी हेनिस-प्लास्चेर्ट ने कहा कि इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल कधीमी ने सोमवार को कहा कि हमले की स्वतंत्र या संयुक्त रूप से पारदर्शी जांच कराने की जरूरत है।

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