Friday, April 19, 2024
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करगिल युद्ध की योजना बनाने वाले पाकिस्तानी जनरलों ने की मुशर्रफ की सराहना

भारत के खिलाफ 1999 के करगिल युद्ध की योजना बनाने वाले कुछ पाकिस्तानी जनरलों ने तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की सराहना करते हुए कहा है कि वह इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अपने पूर्वाधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक साहसी थे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 24, 2019 19:19 IST
Pak general flattered Musharraf to get his support for...- India TV Hindi
Pak general flattered Musharraf to get his support for Kargil war: Journalist

लाहौर: भारत के खिलाफ 1999 के करगिल युद्ध की योजना बनाने वाले कुछ पाकिस्तानी जनरलों ने तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की सराहना करते हुए कहा है कि वह इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अपने पूर्वाधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक साहसी थे। एक पाकिस्तानी पत्रकार ने यह दावा किया है। ‘फ्रॉम करगिल टू द कू: इवेंट्स दैट शूक पाकिस्तान’, पुस्तक की लेखिका नसीम जेहरा ने शनिवार को यहां लाहौर साहित्य उत्सव में एक परिचर्चा के दौरान शनिवार को यह कहा। परिचर्चा का संचालन ब्रिटिश पत्रकार ओवेन बेनेट जोंस ने किया।

करगिल युद्ध की योजना के लिए जनरल मुशर्रफ और तीन अन्य जनरलों की बातचीत का जिक्र करते हुए जेहरा ने कहा, ‘‘यदि करगिल ऑपरेशन इतना ही आसान था तो यह पहले क्यों नहीं कर लिया गया। एक जनरल ने जवाब दिया कि आपसे (मुशर्रफ से) ज्यादा कोई भी जनरल साहसी नहीं था और सिर्फ आप (मुशर्रफ) ही इसे अंजाम दे सकें।’’ तीनों जनरलों ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में उन्होंने अपनी जान खतरे में डाली थी।

जेहरा ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने करगिल ऑपरेशन की योजना बनाई, उन्होंने योजना बनाते वक्त यह सोच कर एक बड़ी गलती की कि भारत जवाब नहीं देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया तथा कई लोग हताहत हुए (पाकिस्तानी सेना से)।’’

उन्होंने कुछ जनरलों की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की, जिन्होंने अक्टूबर/नवंबर 1998 में करगिल ऑपरेशन की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि मई 1999 तक भारत को करगिल योजना की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने (जनरलों ने) एक महत्वपूर्ण अधिकारी को बताए बगैर सैनिकों को आगे बढ़ा दिया। ‘‘जब करगिल संघर्ष हुआ तब मेरे जैसे पत्रकारों ने इस बात पर यकीन किया कि यह मुजाहिदीन का काम है।’’

जेहरा ने कहा कि असैन्य सरकार और खुफिया एजेंसियों सहित अन्य संस्थाओं तथा एयर फोर्स प्रमुख को करगिल ऑपरेशन के बारे में अंधेरे में रखा गया था। उन्होंने बताया, ‘‘जब नवाज शरीफ को करगिल ऑपरेशन शुरू किए जाने के बाद इस बारे में बताया गया, तब उनसे कहा गया था, ‘‘आप कश्मीर के विजेता बन जाएंगे। इस पर विदेश मंत्री ने हस्तक्षेप किया और कहा कि कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है, तब जनरल ने कहा, ‘‘आप बातचीत के जरिए कश्मीर कैसे ले सकते हैं।’’

जेहरा ने बताया कि जब रक्षा सचिव ने शरीफ को यह बताया कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार कर गया है, तब उन्होंने आश्चर्य जताया था। उन्होंने कहा कि शरीफ ने तब ऑपरेशन का समर्थन किया क्योंकि यह राष्ट्र हित में था। उन्होंने कहा कि भारत के मुंहतोड़ जवाब पर शरीफ अमेरिका रवाना हो गए, जहां तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उनसे कहा, ‘‘आपको बाहर निकलना होगा (करगिल से)। ’’

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