Monday, April 29, 2024
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फाइटर जेट और जंगी जहाजों के बाद अब चीन ने ताइवान की ओर छोड़ा विशेष उपग्रह, जानें मकसद

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मीडिया में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उसे सुबह नौ बजकर 36 मिनट के आसपास उत्तर-पश्चिमी चीन में जियुकुआन अड्डे से प्रक्षेपण के बारे में पता चला है। बयान में कहा गया है कि उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के कुछ हिस्से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में गिरे।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 16, 2023 17:03 IST
चीन की सैटेलाइट- India TV Hindi
Image Source : PTI चीन की सैटेलाइट

चीन अब पूरी तरह से ताइवान पर कब्जा करने के लिए उतारू हो गया है। इसके लिए वह हर तरह से उस पर दबाव बनाता जा रहा है। ताइवान की ओर पिछले कई दिनों से कभी फाइटर जेट भेजने, कभी जंगी जहाज भेजने वाले चीन ने अब एक उपग्रह भी उसकी ओर छोड़ा है। इससे ताइवान में खलबली मच गई है। आपको बता दें कि चीन की ओर से उपग्रह छोड़े जाने के कारण रविवार को उत्तरी ताइपे में उड़ानों में देरी हुई। इस उपग्रह का मलबा राजधानी ताइपे के उत्तरी क्षेत्र में समुद्र में गिरा।

हालांकि कहा जा रहा है कि इस प्रक्षेपण के पीछे स्पष्ट रूप से कोई सैन्य उद्देश्य नहीं था, लेकिन यह उपग्रह इस महीने की शुरुआत में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की अमेरिका यात्रा के जवाब में चीन की ओर से व्यापक सैन्य अभ्यास के बाद छोड़ा गया है। त्साई ने अमेरिकी यात्रा के दौरान कैलिफॉर्निया में प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की थी। पिछले सप्ताह के अंत में तनाव चरम पर था और चीन ने 200 से अधिक बार ताइवान की ओर लड़ाकू विमान भेजे थे, जबकि चीनी नौसेना के जहाजों ने ताइवान के आसपास चक्कर लगाए थे। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और कई बार यह कह चुका है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बलपूर्वक ताइवान को अपने क्षेत्र में मिला लेगा।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मीडिया में जारी किया बयान

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मीडिया में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उसे सुबह नौ बजकर 36 मिनट के आसपास उत्तर-पश्चिमी चीन में जियुकुआन अड्डे से प्रक्षेपण के बारे में पता चला है। बयान में कहा गया है कि उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के कुछ हिस्से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में गिरे, हालांकि उनसे “हमारे राष्ट्र के क्षेत्र” को कोई खतरा नहीं है। चीन ने पूर्वी चीन सागर क्षेत्र के एक हिस्से से उड़ानों के गुरजने पर 27 मिनट की रोक लगाने की घोषणा की थी, जिसके चलते ताइपे के सोंगशैन हवाई अड्डे से जापान रवाना होने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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