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चीन ने ताइवान के खिलाफ छेड़ दी नई जंग, अब ऐसे हमलों से बच पाना होगा मुश्किल

चीन ने ताइवान के खिलाफ एक नई जंग छेड़ दी है। इससे ताइवान परेशान हो गया है। चीन के इस छद्म युद्ध से ताइवान का बच पाना बेहद मुश्किल हो गया है। बताया जा रहा है कि ताइवान को बर्बाद करने के लिए चीन उस पर साइबर हमले कर रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 24, 2024 14:51 IST, Updated : Jun 24, 2024 14:51 IST
चीन कर रहा ताइवान पर साइबर हमले। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS चीन कर रहा ताइवान पर साइबर हमले।

हांगकांगः चीन ने ताइवान पर कब्जा करने के लिए अब छद्म युद्ध छेड़ दिया है। इससे बच पाना ताइवान के लिए आसान नहीं होगा। चीन के इस छद्म युद्ध ने ताइवान के होश उड़ा दिए हैं। अब अमेरिका ही चीन की इस नई जंग के खिलाफ ताइवान की कुछ मदद कर सकता है। मगर वह भी चीन के सभी हमलों का जवाब देने में सक्षम हो पाएगा, इस पर संदेह है। क्योंकि चीन अमेरिका पर भी कथित तौर पर ऐसे हमले कर चुका है। आइए अब आपको बताते हैं कि चीन ने किस तरह से ताइवान को अपनी जद में लेने के लिए उस पर नए तरीके से हमला कर रहा है। 

बताया जा रहा है कि चीन ने ताइवान को कब्जाने और उसे दबाव में लाने के लिए साइबर युद्ध का सहारा ले रहा है। चीनी हैकर ताइवान की सरकारी और निजी वेबसाइटों पर साइबर हमले कर रहे हैं। इसमें संदिग्ध तौर पर चीन द्वारा प्रायोजित एक हैकिंग समूह का हाथ बताया जा रहा है। चीनी हैकरों के समूह ने ताइवानी संगठनों विशेष रूप से सरकार, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और कूटनीति जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों पर साइबर हमले तेज कर दिए हैं। साइबर सुरक्षा खुफिया कंपनी ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने यह दावा किया है। हाल के वर्षों में चीन और ताइवान के बीच संबंध खराब हो गए हैं। बीजिंग यह दावा करता है कि ताइवान (स्व-शासित द्वीप) उसका क्षेत्र है।

ताइवान में सत्ता बदलने के बाद चीन हुआ अधिक हमलावर

रेडजुलिएट नामक समूह द्वारा जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों और उसके बाद प्रशासन में बदलाव के दौरान नवंबर 2023 और अप्रैल 2024 के बीच साइबर हमले किए गए। सुरक्षा चिंताओं के चलते नाम न बताने की शर्त पर रिकॉर्डेड फ्यूचर के एक विश्लेषक ने बताया कि रेडजुलिएट ने पहले भी ताइवान के संगठनों को निशाना बनाया है, लेकिन इस तरह की गतिविधि इतने बड़े पैमाने पर पहली बार देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेडजुलिएट ने 24 संगठनों पर हमला किया जिसमें लाओस, केन्या और रवांडा के साथ-साथ ताइवान जैसी जगहों की सरकारी एजेंसियां ​​भी शामिल हैं। इसने हांगकांग और दक्षिण कोरिया के धार्मिक संगठनों, एक अमेरिकी विश्वविद्यालय और जिबूती के एक विश्वविद्यालय की वेबसाइट को भी हैक किया। रिपोर्ट में संगठनों की पहचान नहीं बताई गई है। (एपी) 

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