Friday, March 29, 2024
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इधर ताइवान ने शुरू की जंग की तैयारी, उधर फिर मिलेंगे बाइडेन और शी, आखिर क्या करने वाले हैं चीन-अमेरिका?

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘अगर अमेरिका अपने रास्ते पर चलते रहने पर जोर देता है तो चीन इसका बलपूर्वक जवाब देगा और हम जो कहते हैं वही करेंगे।’

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: July 27, 2022 11:15 IST
China US Taiwan Issue- India TV Hindi
Image Source : AP China US Taiwan Issue

Highlights

  • ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है चीन
  • चीन और ताइवान के बीच चरम पर है तनाव
  • जो बाइडेन और शी जिनपिंग करेंगे मुलाकात

China Taiwan US: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के उनके समकक्ष शी जिनपिंग ताइवान को लेकर तनाव के बीच गुरुवार को बातचीत करेंगे। एक अमेरिकी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। बाइडेन और जिनपिंग चार महीने बाद पहली बार बातचीत करेंगे। दोनों नेताओं के बीच बातचीत की कई हफ्तों से योजना बनाई जा रही थी, लेकिन सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और कांग्रेस के शीर्ष डेमोक्रेट की ताइवान यात्रा की संभावना ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और जटिल बना दिया है। बीजिंग चेतावनी दे रहा है कि अगर पेलोसी स्वशासित ताइवान की यात्रा करती हैं तो वह ‘बलपूर्वक कदम’ उठाएगा।

बहरहाल, पेलोसी ने अभी ताइवान की यात्रा करने की योजनाओं की पुष्टि नहीं की है, लेकिन बाइडेन ने पिछले सप्ताह पत्रकारों से कहा था कि अमेरिकी सैन्य अधिकारियों का मानना है कि अभी अध्यक्ष के लिए ताइवान की यात्रा करना ‘अच्छा विचार नहीं’ है। बाइडेन ने ये टिप्पणियां तब की हैं जब ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने पिछले सप्ताह कहा था कि पेलोसी की अगस्त में ताइवान की यात्रा करने की योजना है। पहले यह यात्रा अप्रैल में होनी थी, लेकिन उनके कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के कारण इसे टाल दिया गया था।

पेलोसी ने क्या कुछ कहा? 

पेलोसी ने अपनी यात्रा पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या उनकी ताइवान जाने की योजना है, लेकिन उन्होंने कहा कि बाइडेन की टिप्पणी सैन्य अधिकारियों के उस डर से उपजी है कि कहीं चीन ‘हमारे विमान को न मार गिराए या कुछ ऐसा न कर दे।’ पेलोसी ने कहा, ‘हमारे लिए ताइवान के प्रति समर्थन दिखाना महत्वपूर्ण है। जब भी ताइवान की बात आती है तो हम लोगों से किसी ने कभी नहीं कहा कि हम आजादी की बात कर रहे हैं। इसका फैसला ताइवान को करना है।’ प्रशासन के अधिकारियों ने निजी तौर पर पेलोसी से कहा है कि ताइवान की यात्रा करने से संवदेनशील यथास्थिति बिगड़ सकती है।

वहीं चीनी अधिकारियों का कहना है कि पेलोसी की यात्रा को अमेरिका की नीति में बदलाव के तौर पर देखा जाएगा और इसे उकसावा माना जाएगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘अगर अमेरिका अपने रास्ते पर चलते रहने पर जोर देता है तो चीन इसका बलपूर्वक जवाब देगा और हम जो कहते हैं वही करेंगे।’ बाइडेन और शी के बीच मुलाकात में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम, यूक्रेन में रूस के युद्ध पर वाशिंगटन और बीजिंग के बीच मतभेदों, ईरान परमाणु समझौते को फिर से बहाल करने की बाइडेन प्रशासन की कोशिशों और ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन पर लगाए कड़े करों की अमेरिकी सरकार की समीक्षा की स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है।

ताइवान ने शुरू की जंग की तैयारी

दूसरी तरफ ताइवान ने चीन के साथ युद्ध की आशंका के बीच तैयारी करना शुरू कर दिया है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद से इस बात की आशंका और तेज हो गई है कि चीन ताइवान पर कभी भी हमला कर सकता है। चीनी सेना ने भी बीते साल से ताइवान के खिलाफ अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ रहे हैं। वक्त-वक्त पर अमेरिकी अधिकारियों के ताइवान दौरे पर भी चीन अपनी नाराजगी जाहिर करता रहा है। ऐसी भी रिपोर्ट्स आईं, जिनमें चीन ने कहा कि वह सैन्य बल के जरिए भी ताइवान को मुख्य चीनी भूमि में मिला लेगा। यही वजह है कि ताइवान ने अपनी रक्षा करने के लिए अभी से तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बकायदा लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

ताइवान की राजधानी ताइपे सहित कई अन्य इलाकों में लोगों को घरों के भीतर रहने और सड़कों को खाली करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश सोमवार को सैन्य प्रशिक्षण के तहत किए जा रहे हवाई हमले की तैयारी के चलते दिया गया है। प्रशिक्षण के तहत सड़कों को हवाई हमले करने की तैयारी के तहत तुरंत खाली कराया गया। इस दौरान दोपहर के करीब 1:30 बजे शहरों में सायरन बजने लगे। जिससे उत्तरी ताइवान के कई शहर 30 मिनट तक के लिए थम गए। इससे पता चलता है कि ताइवान ने चीनी हमले का सामना करने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।  टेक्स्ट के रूप में लोगों के मोबाइल फोनों पर एक 'मिसाइल अलर्ट' भेजा गया। जिसमें उनसे तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया।

इस सैन्य प्रशिक्षण को वान आन नाम दिया गया है। जिसका मतलब है शांति। प्रशिक्षण की देखरेख करने के बाद ताइपे के मेयर ने कहा कि युद्ध की स्थिति के लिए तैयारी करना जरूरी है। चीन का दावा है कि लोकतांत्रिक देश ताइवान उसी की मुख्य भूमि में आता है। उसने कभी भी ताइवान पर सैन्य बल से कब्जा करने की बात से इनकार नहीं किया है। ताइवान ने चीन के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उसने संप्रभुता का दावा किया है और अपनी रक्षा करने की कसम खाई है। वहीं जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो एक बार फिर ताइवान के मामले में बहस छिड़ गई। ऐसे में युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। ये प्रशिक्षण ऐसे वक्त पर हो रहा है कि जब चीनी सेना ने भी इस द्वीपीय देश के आसपास अपने प्रशिक्षण को बढ़ा दिया है। मेयर को का कहना है कि चीनी सेना के विमान बीते कुछ साल से लगातार ताइवान को परेशान कर रहे हैं और रूस-यूक्रेन के बीच फरवरी में जंग भी शुरू हो गई है। ये घटनाएं बताती हैं कि हमें चौंकन्ना रहने की जरूरत है।  

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