Thursday, May 02, 2024
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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की ओर से बातचीत की पेशकश पर आया भारत का रिएक्शन, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से बातचीत की पेशकश किए जाने पर भारत का रिएक्शन भी सामने आ गया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की इस पहल पर कहा है कि ऐसा करने के लिए उसे आतंक और शत्रुता मुक्त माहौल बनाना होगा।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: August 03, 2023 21:41 IST
भारत बनाम पाकिस्तान।- India TV Hindi
Image Source : FILE भारत बनाम पाकिस्तान।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से बातचीत की पेशकश किए जाने पर भारत का जवाब सामने आया है। शहबाज शरीफ की भारत के साथ बातचीत को लेकर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने रिपोर्ट देखी है। भारत का रुख इस बात पर कायम है कि हम सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं...लेकिन इसके लिए अनिवार्य रूप से आतंक और शत्रुता मुक्त माहौल बनाना होगा।

बता दें कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और बालाकोट में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को सभी गंभीर और लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार होने की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लिए ‘‘युद्ध कोई विकल्प नहीं है’’ क्योंकि दोनों देश गरीबी और बेरोजगारी से लड़ रहे हैं। शरीफ ने पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

शहबाज शरीफ ने कही थी ये बात

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर पर भारत के संदर्भ में कहा, ‘‘हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी बशर्ते कि पड़ोसी गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो, क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।’’ शरीफ की टिप्पणियां सीमा पार आतंकवाद को इस्लामाबाद के निरंतर समर्थन और कश्मीर सहित कई मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच आई है। भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, जबकि इस बात पर भी जोर देता रहा है कि इस तरह के संबंध के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाक की है। भारत ने यह भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा देश का हिस्सा था, है और रहेगा।

सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के आखिरी चरण में इस प्रस्ताव के जानें मायने

पाक प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब 12 अगस्त को संसद का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है और उनकी गठबंधन सरकार चुनाव में जाने की तैयारी कर रही है। ऐसे में सवाल यह भी है कि यदि भारत के साथ शहबाज शरीफ को बातचीत करनी ही थी तो यह पेशकश पहले क्यों नहीं की गई। अब जब पीएम शहबाज के गिनेचुने 9 दिन ही सरकार में शेष बचे हैं तो उन्होंने बातचीत का पांसा फेंक दिया है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की संसद को अगले चुनाव को लेकर अधिक समय प्रदान करने के लिए निचले सदन नेशनल असेंबली को कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पहले भंग कर दिया जाएगा। ऐसे वक्त में अब जब शहबाज शरीफ चाहकर भी भारत से बातचीत का इतने कम दिन में कोई रास्ता नहीं बना सकते तो ऐसा बयान आखिर क्यों दिया। वैसे तो इसकी कई वजहें हैं। मगर उनमें से एक वजह यह भी है कि वह खुद को उदार नेता की तरह पेश करना चाहते हैं। उन्हें शायद लगता है कि इसका फायदा शहबाज को चुनावों में मिल सकता है। साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भी दिखाना चाहते हैं कि पाकिस्तान भारत से अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन भारत ही बातचीत को तैयार नहीं है।

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