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बच्चों को भी नहीं बख्शता किम जोंग, 2 किशोरों को "के-पॉप फिल्म" देखने पर दे दी 12 साल की कठोर सजा

उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन बच्चों को भी नहीं बख्शते हैं। किम जोंग के निर्देश पर उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने 2 किशोरों को के-पॉप देखने पर 12 वर्ष की कठोर और सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। किम जोंग की इस कार्रवाई से पूरे उत्तर कोरियाई लोगों में दहशत फैल गई है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 20, 2024 11:46 IST, Updated : Jan 20, 2024 11:46 IST
किम जोंग उन, तानाशाह उत्तर कोरिया। - India TV Hindi
Image Source : AP किम जोंग उन, तानाशाह उत्तर कोरिया।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन कितने खतरनाक हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दंड देने में वह बच्चों पर भी जरा रहम नहीं करते। किम जोंग ने 2 उत्तर कोरियाई किशोरों को के-पॉप देखने के लिए 12 साल की कड़ी सजा दी है। किम जोंग उन के निर्देश पर उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने के-पॉप देखने के लिए दोनों किशोरों को 12-12 साल की कड़ी और सश्रम सजा सुनाई है। इस कार्रवाई की फुटेज में देश में दक्षिण कोरिया के सांस्कृतिक प्रभावों पर सख्त कार्रवाई का सुझाव दिया गया है।

उत्तर कोरियाई दलबदलुओं के साथ काम करने वाले एक संगठन ने किशोरों को सजा दिए जाने का वीडियो जारी किया है। इसके फुटेज में उत्तर कोरियाई अधिकारियों को के-पॉप देखने के लिए दो किशोरों को सार्वजनिक रूप से 12 साल की कड़ी सश्रम सजा देते हुए दिखाया गया है। फुटेज में देखा जा सकता है कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में दो 16-वर्षीय बच्चों को दक्षिण कोरियाई फिल्में और संगीत वीडियो देखने का दोषी करार दिया है। इसे दक्षिण और उत्तर विकास (SAND) संस्थान द्वारा जारी किया गया है। हालांकि इस वीडियो को सबसे पहले बीबीसी ने रिपोर्ट किया है। इसके बाद रॉयटर्स ने उस फ़ुटेज को दिखाया है, मगर उसे स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने में वह फिलहाल असमर्थ था। 

क्या है के-पॉप

यह पॉप मनोरंजक फिल्में हैं, जिन पर विशेषकर दक्षिण कोरियाई संस्कृति और उसके प्रभाव से किम जोंग को नफरत है। इसलिए उत्तर कोरिया  वर्ष 2020 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई मनोरंजन का आनंद लेने या बाहरी प्रभावों के खिलाफ युद्ध में दक्षिण कोरियाई लोगों के बोलने के तरीके की नकल करते हुए पकड़े जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया था। राष्ट्रपति चोई क्योंग-हुई ने किशोरों को दी गई इस  "बड़ी सज़ा को देखते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि इसे पूरे उत्तर कोरिया में लोगों को चेतावनी स्वरूप दिखाया जाना चाहिए। क्योंकि यदि ऐसा है तो इससे प्रतीत होता है कि दक्षिण कोरियाई संस्कृति की यह जीवनशैली उत्तर कोरियाई समाज में प्रचलित है। वर्ष 2001 में उत्तर कोरिया को छोड़कर चले जाने वाले " SAND र टोक्यो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के एक डॉक्टर ने कहा कि  "मुझे लगता है कि यह वीडियो 2022 के आसपास संपादित किया गया था। मगर... (उत्तर कोरियाई नेता) किम जोंग उन के लिए परेशानी की बात यह है कि मिलेनियल्स और जेन जेड युवाओं ने अपने सोचने का तरीका बदल दिया है। मुझे लगता है कि वह इसे वापस उत्तर की ओर मोड़ने के कोरियाई तरीकों पर काम कर रहे हैं।

के-पॉप देखने के दोषी 2 किशोर छात्रों को लगाई हथकड़ी

के-पॉप देखने के दोषी ठहराए गए दोनों किशोरों को सार्वजनिक रूप से हथकड़ी पहनाई गई है। इसे उत्तर कोरियाई अधिकारियों द्वारा बनाए गए वीडियो में भी दिखाया गया है। इसमें ग्रे स्क्रब पहने दो छात्रों को हथकड़ी लगाई गई है, जबकि एक एम्फीथिएटर में लगभग 1,000 छात्र उन्हें देख रहे हैं। 16 साल के दो बच्चों समेत सभी छात्र चेहरे पर मास्क पहने हुए हैं, जिससे पता चलता है कि फुटेज को कोविड महामारी के दौरान शूट किया गया था। वीडियो के अनुसार, छात्रों को तीन महीने तक दक्षिण कोरियाई फिल्में, संगीत और संगीत वीडियो देखने और फैलाने का दोषी ठहराए जाने के बाद यह कठोर सजा सुनाई गई। क्योंकि वे विदेशी संस्कृति के बहकावे में आ गए... और अपना जीवन बर्बाद कर लिया।

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