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काठमांडू: दिल्ली बाजार जेल में कैदियों ने की आगजनी, सेना ने संभाला मोर्चा

पूरे नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच काठमांडू के दिल्ली बाजार जेल में भी कैदियों ने आगजनी की। दरअसल, हिंसक प्रदर्शनों के बाद पुलिस बल को जेलों से हटाकर मुख्यालय में वापस बुला लिया गया था।

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Niraj Kumar Published : Sep 10, 2025 05:15 pm IST, Updated : Sep 10, 2025 06:31 pm IST
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Image Source : REPORTER INPUT काठमांडू के दिल्ली बाजार जेल में कैदियों ने की आगजनी

काठमांडू:  काठमांडू के दिल्ली बाजार जेल में कैदियों ने रिहाई की मांग को लेकर हंगामा किया और आगजनी की। इस बीच सेना ने हालात को संभालने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। दिल्ली बाजार जेल से बाहर आने के बाद बड़ी संख्या में कैदियों ने रिहाई की मांग शुरू कर दी। हालात को बेकाबू होता देख वहां सेना को तैनात करना पड़ा।

हालात पर काबू पाने की कोशिश जारी

दरअसल, हालिया हिंसक प्रदर्शनों के बाद पुलिस बल को जेलों से हटाकर मुख्यालय में वापस बुला लिया गया था। इसी का फायदा उठाकर कैदियों ने जेल परिसर से बाहर निकलकर हंगामा शुरू कर दिया। कैदियों ने जेल में आग लगा दी। इतना ही नहीं कैदियों ने जेल के बाहर खड़ी गाड़ियों में भी आग लगा दी। फिलहाल काठमांडू में नेपाली सेना ने जेल और आसपास के इलाकों को घेर लिया है और हालात को काबू में करने की कोशिशें जारी हैं। सेना कैदियों को नियंत्रण में लेकर दूसरी जेल में शिफ्ट कर रही है।

पूरे नेपाल में कर्फ्यू

बता दें कि नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया है। के पी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शनों को सिलसिला जारी रहा। कर्फ्यू का आदेश बुधवार शाम बजे से बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। सेना ने सड़कों पर पहरा दिया और लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है। उधर, नेपाल पुलिस की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर की जेलों से करी 13572 कैदी फरार हो गए हैं।

सेना ने दी चेतावनी

इससे एक दिन पहले मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी। सेना ने कहा कि ‘‘प्रदर्शन की आड़ में’’ लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम ज़रूरी हैं। सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उचित तरीके से उससे निपटा जाएगा। 

अप्रिय घटनाओं को रोकने की पूरी कोशिश

बयान में स्पष्ट किया गया है कि एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी। सेना ने एक बयान में कुछ समूहों की कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की, जो ‘‘कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं’’ और ‘‘आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’ नेपाल सेना मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने लूटपाट और तोड़फोड़ सहित किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अपने सैनिकों को तैनात किया है।’’ सेना ने अनुरोध किया है कि मौजूदा स्थिति के कारण फंसे विदेशी नागरिक बचाव या किसी अन्य सहायता के लिए निकटतम सुरक्षा चौकी या कर्मियों से संपर्क करें। सेना ने होटलों, पर्यटन उद्यमियों और संबंधित एजेंसियों से भी अनुरोध किया है कि वे ज़रूरतमंद विदेशी नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करें। 

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