Wednesday, May 01, 2024
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चीन में मिलेगी पाकिस्तान को "चार दिन की चांदनी", फिर "काकर की उम्मीदों पर गिरेगा अंधेरा पाख!"

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर 4 दिनों की यात्रा पर चीन जा रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान और चीन के बीच कई बड़े समझौते होने की बात कही गई है। पाकिस्तान इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर में चल रहा है। ऐसे में उसे चीन से मदद की बड़ी उम्मीद है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 15, 2023 14:16 IST
पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हक काकर- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हक काकर

आर्थिक मंदी की आग में झुलसता पाकिस्तान, महंगाई की मार से मुरझाता पाकिस्तान, गरीबी की गाज से सिहरता पाकिस्तान, भुखमरी के भय से विलखता पाकिस्तान अब करे भी तो क्या?... इस वक्त पड़ोसी पाकिस्तान कंगाली के सबसे बुरे दौर में है। अब उसका भीख का कटोरा भी फट चुका है। पाकिस्तान को कोई भी न तो अब दान देना चाहता है और न ही उधार की भीख। ऐसे हालात में पाकिस्तान बेबस है। सऊदी अरब से लेकर अमेरिका तक जितनी मदद देनी थी, वह पाकिस्तान को दे चुके। मगर उसका प्रिय दोस्त चीन अब भी चक्कर कटा रहा है। चीन से चांदनी पाने की उम्मीद में पाकिस्तान के कार्यवाह पीएम 4 दिनों के दौरे पर चीन पहुंचने वाले हैं।

इन 4 दिनों की चीन यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को चीन ने कई तरह के सपनों के सब्जबाग दिखाए हैं। हमेशा की तरह चीन ने पाकिस्तान के सामने रोटी का टुकड़ा फेंक दिया है। नहीं खाएगा तो भी मरेगा और खाएगा तो भी मरेगा। ऐसा पहली बार नहीं है, जब चीन ने पाकिस्तान को रातों-रात अमीर बनने और गरीबी से मुक्त होने का सपना दिखाया हो। इससे पहले भी चीन ने पाकिस्तान को कई तरह का सपना दिखाकर अपना उल्लू सीधा किया है। पाकिस्तान में आर्थिक गलियारा खोलने, कंपनियां लगाने और तरक्की के सपने दिखाने के झांसे में उसे जमकर लूटा है। चीन का कोई भी प्रोजेक्ट आज तक पाकिस्तान में परवान नहीं चढ़ सका है। मगर एक बार फिर पाकिस्तान चीन की चाल में फंसने जा रहा है। 

चार दिनों में क्या है कार्यक्रम

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर की सोमवार से 4 दिन की चीन यात्रा शुरू हो रही है। बीजिंग यात्रा के दौरान चीन और पाकिस्तान प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को लेकर महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने की बात कही गई है। ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इन समझौतों पर 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) कार्यक्रम के तहत हस्ताक्षर किए जाएंगे। काकर 17 से 18 अक्टूबर तक होने वाले ‘थर्ड बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन’ में भाग लेने के लिए 16 अक्टूबर को बीजिंग जाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री बीआरएफ के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और ‘खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था में संपर्क’ पर एक उच्चस्तरीय मंच को संबोधित करेंगे।’ जाहिर है कि 4 दिनों के दौरे में उन्हें सिर्फ चांदनी दिखाई देगी। मगर अंधेरा पक्ष तो उनके पाकिस्तान लौटने के बाद शुरू होगा। जिससे पाकिस्तान न कभी उबर सका है और न ही उसकी उम्मीद है। ​(भाषा) 

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