Saturday, April 20, 2024
Advertisement

हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ा रहा पाकिस्तान, अब ला रहा ये कानून

Pakistan Minorities: पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर लगातार जुल्म ढाया जा रहा है। पाकिस्तान की सरकार ने हिंदुओं पर जुल्म और अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं। अब ईश निंदा के बहाने फिर से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 21, 2023 13:27 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

Pakistan Minorities: पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों समेत दूसरे अल्पसंख्यकों पर लगातार जुल्म ढाया जा रहा है। पाकिस्तान की सरकार ने हिंदुओं पर जुल्म और अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं। अब ईश निंदा के बहाने फिर से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2023 पर गहरी 'चिंता' व्यक्त की है, जिसे 17 जनवरी को नेशनल असेंबली में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार एचआरसीपी का मानना है कि यह पाकिस्तान के संकटग्रस्त धार्मिक अल्पसंख्यकों और अल्पसंख्यक संप्रदायों के 'उत्पीड़न' को बढ़ा सकता है।

एक बयान में एचआरसीपी ने कहा कि प्रस्तावित कानून धार्मिक व्यक्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का उपयोग करने के लिए सजा को तीन साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास की सजा देता है 'जो 10 साल से कम नहीं होगा।'बिल अपराध को गैर-जमानती भी बनाता है, जिससे अनुच्छेद 9 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संवैधानिक रूप से गारंटीकृत अधिकार का सीधे उल्लंघन होता है। इन संशोधनों को धार्मिक अल्पसंख्यकों और संप्रदायों के खिलाफ असंगत रूप से 'हथियार' बनाने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप झूठी एफआईआर और उत्पीड़न होगा।

ईश निंदा के बहाने टार्गेट पर हिंदू

पाकिस्तान ईश निंदा के बहाने विशेष तौर पर हिंदुओं को टार्गेट कर रहा है। एचआरसीपी ने कहा कि कथित ईशनिंदा के लिए जुर्माना बढ़ाने से व्यक्तिगत प्रतिशोध को निपटाने के लिए कानून का दुरुपयोग बढ़ेगा, जैसा कि अक्सर ईशनिंदा के आरोपों के मामले में होता है। दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बिल के उद्देश्यों के बयान में कहा गया है कि पैगंबर के साथी और अन्य धार्मिक व्यक्तित्वों का अपमान करना न केवल देश में आतंकवाद और व्यवधान को बढ़ावा देता है बल्कि सभी क्षेत्रों के लोगों को नुकसान पहुंचाता है।

एचआरसीपी अध्यक्ष हिना जिलानी ने कहा, "जबकि इस विधेयक का घोषित उद्देश्य संप्रदायवाद पर अंकुश लगाना है, एचआरसीपी का मानना है कि यह पाकिस्तान के संकटग्रस्त धार्मिक अल्पसंख्यकों और अल्पसंख्यक संप्रदायों के उत्पीड़न को बढ़ा सकता है।" बयान में कहा गया, "ऐसे समय में जब नागरिक समाज इन कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए संशोधन की मांग कर रहा है, इस सजा को मजबूत करना इसके विपरीत होगा।"

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement