Tuesday, March 19, 2024
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आतंकवादी हमले के 36 चीनी पीड़ितों को एक करोड़ 16 लाख डॉलर मुआवजा देगा पाकिस्तान

यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अपर कोहिस्तान जिले के दसू इलाके में हुआ था, जहां चीनी इंजीनियर और मजदूर एक बांध बनाने में मदद कर रहे थे।

Vineet Kumar Singh Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: January 22, 2022 15:51 IST
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Image Source : AP पिछले साल 13 जुलाई को बस पर हुए 'आत्मघाती हमले' में 10 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी और 26 अन्य घायल हो गए थे।

Highlights

  • पाकिस्तान ने 36 चीनी नागरिकों को मुआवजे के तौर पर 204 करोड़ पाकिस्तानी रुपये देने की घोषणा की है।
  • मुआवजे की राशि के संबंध में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने शुक्रवार को फैसला किया।
  • यह रकम चीन में इसी प्रकार के हमलों में जान गंवाने वाले नागरिकों को आमतौर पर दी जाने वाली राशि से दोगुनी है।

इस्लामाबाद: आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान के लिए चीन की दोस्ती काफी महंगी नजर आ रही है। चीन ने पाकिस्तान से आतंकी हमले में हताहत हुए अपने नागरिकों को लिए भारी मुआवजा वसूला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले साल एक आतंकवादी हमले में हताहत हुए एक बड़ी पनबिजली परियोजना में कार्यरत 36 चीनी नागरिकों को मुआवजे के तौर पर 1.16 करोड़ डॉलर (204 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) देने की घोषणा की है। मुआवजे की राशि के संबंध में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने शुक्रवार को फैसला किया।

‘1.16 करोड़ डॉलर के मुआवजे को दी मंजूरी’

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक, ‘ECC ने विचार विमर्श करने और चीन के साथ हमारे संबंधों की गहराई को ध्यान में रख कर सद्भावना के तहत कदम उठाते हुए सरकारी स्तर पर एक करोड़ 16 लाख डॉलर के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।’ उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के पर्वतीय क्षेत्र में पिछले साल 13 जुलाई को विनिर्माण कामगारों को ले जा रही बस पर हुए 'आत्मघाती हमले' में 10 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी और 26 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

बांध बनाने में मदद कर रहे थे चीनी इंजीनियर
बता दें कि यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अपर कोहिस्तान जिले के दसू इलाके में हुआ था, जहां चीनी इंजीनियर और मजदूर एक बांध बनाने में मदद कर रहे थे। इस प्रॉजेक्ट का निर्माण विश्व बैंक की वित्तीय मदद से चाइना गेझोउबा कंपनी कर रही है और यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का हिस्सा नहीं है। चीनी कंपनी ने मुआवजे का मामला सुलझने तक स्थल पर अपनी गतिविधियां रोक दी थीं। पाकिस्तान ने इस सप्ताह की शुरुआत में मुआवजा देने की घोषणा की, जिसके बाद कंपनी ने गुरुवार को काम बहाल किया।

नकदी की समस्या से जूझ रहा है पाकिस्तान
हैरानी की बात यह कि पाकिस्तान इस समय नकदी की समस्या से जूझ रहा है, फिर भी वह चीनी नागरिकों को मुआवजा देने पर सहमत हो गया। बता दें कि पाकिस्तान ऐसा करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य भी नहीं है। इसके अलावा यह रकम चीन में इसी प्रकार के हमलों में जान गंवाने वाले नागरिकों को आमतौर पर दी जाने वाली राशि से दोगुनी है। पाकिस्तानी मीडिया ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि मुआवजे का भुगतान करने का स्पष्ट उद्देश्य पाकिस्तान-चीन द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी अड़चन को दूर करना है।

4 पाकिस्तानी नागरिकों की भी हुई थी मौत
बता दें कि इस हमले में 4 पाकिस्तानी नागरिकों की भी मौत हुई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके परिवारों को भी मुआवजा दिया जाएगा या नहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी पीड़ितों को यह मुआवजा पाकिस्तान ने चीन के दबाव में दिया है। पाकिस्तान अगर चीनी नागरिकों को मुआवजा नहीं देता तो तय था कि कंपनी काम बंद कर देती और ऐसे में काफी बड़ा नुकसान होता। इस आतंकी हमले को पाकिस्तान ने पहले गैस लीकेज करार दिया था, जिसको बाद चीन भड़क गया था और CPEC की बैठक को रद्द कर दिया था।

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