Wednesday, May 01, 2024
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पाकिस्तान में मौत का खूनी खेल जारी, लोकल तालिबान TTP ने उड़ाई पूरे देश की नींद, अब इस बड़ी घटना को दिया अंजाम

Pakistan TTP: टीटीपी के आतंकियों ने पाकिस्तान सरकार की नाक में दम किया हुआ है। उसने कई सरकारी अधिकारियों को बंधक बना लिया है।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 21, 2022 9:02 IST
टीटीपी ने पाकिस्तानी अधिकारियों को बंधक बनाया- India TV Hindi
Image Source : AP टीटीपी ने पाकिस्तानी अधिकारियों को बंधक बनाया

अगर किसी का घर जलाओगे तो खुद का घर भी एक दिन जलेगा। ये कहावत अब पाकिस्तान में सच होती दिख रही है। पाकिस्तान की सरकार अपने लोकल तालिबान टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से निपटने के लिए उसके साथ बातचीत करने की कोशिशों में जुटी है। यहां के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवाद-रोधी केंद्र में दो दिनों से टीटीपी ने कुछ लोगों को बंधक बनाया हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस मामले में वार्ता विफल होने के बाद सुरक्षा बलों ने मंगलवार को धावा बोल दिया और सभी 33 आतंकियों को मार गिराया था।

बंधक संकट को समाप्त करने के लिए सरकार और प्रतिबंधित टीटीपी के बीच वार्ता विफल होने के बाद शुरू किए गए बचाव अभियान में विशेष बलों के दो कमांडो भी मारे गए। टीटीपी के आतंकियों की मांग है कि इन्हें अफगानिस्तान तक जाने के लिए एक सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाए। इनका कहना है कि अगर यह सुरक्षित अफगानिस्तान पहुंच जाते हैं तो आठ पुलिसकर्मियों और सैन्य खुफिया अधिकारियों को रिहा कर देंगे। ये जानकारी खैबर पख्तूनख्वा सरकार के प्रवक्ता ने दी है।

 
कौन है टीटीपी?

वर्ष 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के अग्रणी समूह के रूप में स्थापित टीटीपी ने पिछले महीने जून में संघीय सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया और अपने आतंकियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया। अल-कायदा का करीबी माने जाने वाले इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी शामिल है।

क्या है गुड और बैड तालिबान?

पाकिस्तान 'गुड तालिबान और बैड तालिबान' की रणनीति पर चलता है। उसके हिसाब से अच्छे तालिबान का मतलब वह तालिबान है, जो पश्चिमी सीमा यानी अफगानिस्तान में इस्लामी शासन को लागू करने और आगे बढ़ाने में मददगार है। बैड तालिबान यानी वह तालिबान जो उसके दुश्मन भारत को नियंत्रित कर सके। लेकिन अब यही बैड तालिबान पाकिस्तान का सिर दर्द बन गया है। 
 
टीटीपी यानी बैड तालिबान और टीटीपी की एक ही ख्वाहिश है कि वह पाकिस्तान में सरकार को उखाड़ फेंके और शरिया कानून लागू करे। वही टीटीपी अब इस देश के लिए एक बड़ा आतंकवादी खतरा बन गया है। जब भी यह तालिबान पाकिस्तान को निशाना बनाता है तो यहां की सरकार को लगता है कि इसमें अफगानिस्तान और भारत का हाथ है।

इसी साल फरवरी में भी टीटीपी ने खैबर में हमला किया था। इस हमले में पुलिस और सेना के अधिकारियों को निशाना बनाया गया था। यह पहली बार था जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से हुए किसी हमले के लिए तालिबान सरकार की आलोचना की थी। तत्कालीन इमरान सरकार ने तालिबान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि उम्मीद है कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाई नहीं होने देगी।

पाकिस्तान को पड़ रहा भारी

तालिबान के काबुल पर शासन करने के बाद से टीटीपी पाकिस्तान में शक्तिशाली हो गया है। जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के लिए हालात बेहद मुश्किल हैं। पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर 2014 में हुए हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर हुई थी। लेकिन यह भी सच है कि पाकिस्तान ने कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया कि उसकी धरती पर टीटीपी के कई खूंखार आतंकी मौजूद हैं। आज यह देश अपनी उसी गलती का परिणाम भुगत रहा है।

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