Sunday, April 28, 2024
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पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट में चुनाव रद्द करने की लगाई याचिका और खुद हो गया गैर हाजिर, जज ने लगाई फटकार

पाकिस्तान में चुनाव नतीजों के 10 दिन बाद भी कोई सरकार नहीं बन पाई है। इसी बीच एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने इस संबंध में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। हालांकि याचिका लगाने के बाद वह खुद ही सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: February 19, 2024 15:51 IST
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट - India TV Hindi
Image Source : FILE पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट

Pakistan News: पाकिस्तान में चुनाव संपन्न हो गए। हालांकि गठबंधन को लेकर पार्टियां अभी तक जोड़तोड़ कर रही हैं। प्रधानमंत्री पद की शपथ कब ली जाएगी, किसी को नहीं मालूम। इसी बीच पाकिस्तान में चुनाव धांधली को लेकर काफी आलोचना हो रही है। एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने इस संबंध में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। हालांकि याचिका लगाने के बाद वह खुद ही सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित धांधली के कारण चुनावों को अमान्य घोषित करने की अपील करने वाले याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित नहीं रहने पर कड़ी फटकार लगाई और तलब किया। पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुआ चुनाव, नतीजों को बदलने के लिए व्यापक धांधली के कई गंभीर आरोपों के कारण विवादों में घिरा रहा है। 

किसकी सरकार बनेगी, वोटिंग के 10 दिन बाद भी स्पष्ट नहीं 

मतदान के 10 दिन बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्र में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने संसद में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। हालांकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने मिलकर सरकार बनाने की घोषणा की है। चुनावों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच हुए चुनाव बाद गठबंधन का मतलब है कि पीटीआई अगली संघीय सरकार नहीं बना पाएगी। 

'सेना की मदद से जनादेश को पहुंचाया जा रहा नुकसान'

इमरान खान की पार्टी ने आरोप लगाया कि दोनों प्रतिद्वंद्वी दल शक्तिशाली प्रतिष्ठान (सेना) की मदद से लोगों के जनादेश को चुराने की कोशिश कर रहे हैं। 'डान' अखबार के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अली खान की याचिका पर सुनवाई की लेकिन याचिकाकर्ता अदालत के सामने पेश नहीं हुए। 

सुप्रीम कोर्ट का गलत इस्तेमाल नहीं होने देंगे: बोले जज

पीठ में न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली भी शामिल थे। अदालत ने कहा, “क्या याचिका केवल प्रचार के लिए दायर की गई थी? इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। हम उच्चतम न्यायालय का गलत तरीके से इस्तेमाल नहीं होने देंगे।” पीठ ने यह भी कहा कि याचिका 12 फरवरी को दायर की गई थी लेकिन मीडिया में इसकी रिपोर्ट पहले ही आ गई थी। अदालत ने कहा कि संपर्क करने पर याचिकाकर्ता का फोन नंबर बंद पाया गया। इसके बाद, शीर्ष अदालत ने रक्षा मंत्रालय के माध्यम से पाकिस्तान के पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को नोटिस जारी किया और सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।  

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