Thursday, May 02, 2024
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यूरोप के इस प्रस्ताव पर भड़क गया भारत, कहा-"दायरे में रहें, आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं होगी बर्दाश्त"

भारत ने यूरोपीय यूनियन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा पर यूरोपियन संसद में पारित प्रस्ताव को खराब मानसिकता से प्रेरित बताया। भारत ने कहा कि आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं की जानी चाहिए। यूरोप अपना काम देखे।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 14, 2023 9:22 IST
एस जयशंकर,विदेश मंत्री - India TV Hindi
Image Source : PTI एस जयशंकर,विदेश मंत्री

यूरोपीय संघ ने एक ऐसी हरकत की है जिससे भारत खफा हो गया है। यूरोपीय संघ के प्रस्ताव को खारिज करते हुए भारत ने उसे आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करने की सलाह दी है। दरअसल यूरोपीय यूनियन मणिपुर की हिंसा को लेकर एक प्रस्ताव लाया था। मगर  भारत ने मणिपुर की स्थिति पर यूरोपीय संघ की संसद में पारित प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को 'औपनिवेशिक मानसिकता' से प्रेरित करार देते हुए उसे खारिज कर दिया। यूरोपीय संघ की ब्रुसेल्स स्थित संसद ने अपने इस प्रस्ताव में भारतीय अधिकारियों से मणिपुर में हिंसा को तुरंत रोकने और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का पुरजोर आग्रह किया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है। बागची ने कहा, ‘‘ हमने देखा है कि यूरोपीय संघ की संसद में मणिपुर की मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा की गई और एक तथाकथित तात्कालिक प्रस्ताव पारित किया गया। भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। ’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति, सद्भाव तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने इस प्रस्ताव को लेकर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘ यूरोपीय संघ की संसद को सलाह दी जाएगी कि वह अपने समय का अपने आंतरिक मुद्दों पर अधिक उत्पादक ढंग से उपयोग करे।

यूरोपीय संघ ने अल्पसंख्यकों को लेकर प्रस्ताव में कही थी ये बात

यूरोपीय संघ की संसद ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा को लेकर भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया। यूरोपीय संघ के प्रस्ताव में भारत पर यह भी आरोप लगाया गया कि अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति असहिष्णुता के कारण मौजूदा स्थिति बनी है। इसके अलावा प्रस्ताव में 'राजनीति से प्रेरित' नीतियों के बारे में चिंताएं व्यक्त की गयी हैं। इसमें मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद होने का भी उल्लेख किया गया। यूरोपीय संघ की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों ने भारतीय अधिकारियों से स्वतंत्र जांच की अनुमति देने का भी आग्रह किया। उन्होंने सभी परस्पर विरोधी पक्षों से भड़काऊ बयान बंद करने, आपसी विश्वास बहाल करने और तनाव कम करने के लिए निष्पक्ष भूमिका निभाने का भी आग्रह किया। इसमें कहा गया है कि यूरोपीय संसद ने व्यापार सहित यूरोपीय संघ-भारत साझेदारी के सभी क्षेत्रों में मानवाधिकारों को एकीकृत करने के अपने आह्वान को दोहराया। (भाषा)

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