
भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी को एक और झटका लगा है। लंदन में उसकी जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गई है। नीरव मोदी छह साल से यूके की जेल में बंद है। इस बीच वह कई बार जमानत याचिका लगा चुका है, लेकिन उसकी जमानत याचिकाएं खारिज होती रही हैं। नीरव दीपक मोदी द्वारा दायर ताजा जमानत याचिका को गुरुवार के दिन लंदन के किंग्स बेंच डिवीजन के उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।
क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के अधिवक्ता ने जमानत की दलीलों का कड़ा विरोध किया। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के अधिवक्ता की मदद के लिए जांच और कानून अधिकारियों की एक मजबूत सीबीआई टीम लंदन भेजी गई थी। सीबीआई ने दलीलों का सफलतापूर्वक बचाव किया, जिसके चलते जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
नीरव मोदी की 10 जमानत याचिकाएं खारिज
नीरव दीपक मोदी 19 मार्च 2019 से यूके की जेल में है। नीरव मोदी एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी है, जो पंजाब नेशनल बैंक से 6498.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए सीबीआई के बैंक धोखाधड़ी मामले में भारत में ट्रायल के लिए वांछित है। भारत सरकार के पक्ष में यूके के उच्च न्यायालय द्वारा उसके प्रत्यर्पण को पहले ही मंजूरी दे दी गई है। यूके में हिरासत में लिए जाने के बाद से यह उसकी 10वीं जमानत याचिका है, जिसका सीबीआई ने क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस, लंदन के माध्यम से सफलतापूर्वक बचाव किया।
नीरव मोदी के भारत आने में समय
भारत में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण लड़ाई हारने के बाद नीरव लगभग छह साल से लंदन की जेल में है और एक ‘‘गोपनीय’’ प्रक्रिया के नतीजे आने तक रिमांड पर है। 27 फरवरी को ब्रिटेन की एक अदालत ने कहा था कि प्रत्यर्पण को रोकने वाली नीरव मोदी से संबंधित ‘‘गोपनीय’’ प्रक्रिया के जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है। न्यायमूर्ति डेविड बेली ने कहा था कि भारत में जन्मे व्यवसायी ने आपराधिक आरोपों से इनकार किया है और उसे दोषी नहीं ठहराया गया है। उन्होंने कहा था, ‘‘वह ‘गोपनीय’ प्रक्रिया के नतीजे आने तक रिमांड पर है जिसके 2026 के अंत तक चलने की संभावना है। इसके जल्द समाप्त होने की संभावना नहीं है।’’ ऐसा माना जाता है कि यह ब्रिटेन में शरण के लिए एक आवेदन को संदर्भित करता है, लेकिन ब्रिटेन की अदालतों में अब तक इसका केवल अप्रत्यक्ष संदर्भ ही आया है।