Friday, May 10, 2024
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पीएम ऋषि सुनक का बड़ा एक्शन, कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष नादिम को कर दिया बर्खास्त; जानें पूरा मामला

ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी के अध्यक्ष नादिम जहावी को तत्काल प्रभाव से उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। पीएम सुनक की इस कड़ी कार्रवाई से हर कोई हैरान रह गया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 30, 2023 8:36 IST
ऋषि सुनक, प्रधानमंत्री, ब्रिटेन- India TV Hindi
Image Source : AP ऋषि सुनक, प्रधानमंत्री, ब्रिटेन

Rishi Sunak: ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी के अध्यक्ष नादिम जहावी को तत्काल प्रभाव से उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। पीएम सुनक की इस कड़ी कार्रवाई से हर कोई हैरान रह गया है। दरअसल ऋषि सुनक ने नादिम जहावी को उनके कर मामलों की एचएमआरसी जांच की घोषणा करने में विफल रहने पर मंत्रिस्तरीय संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। द गार्जियन के मुताबिक यूके के प्रधानमंत्री के नैतिक सलाहकार लॉरी मैग्नस द्वारा की गई एक जांच ने निष्कर्ष निकाला है कि जहावी ने अधिकारियों को यह नहीं बताया था कि वह पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन द्वारा चांसलर नियुक्त किए जाने पर कर निकाय द्वारा जांच के अधीन थे।

कर से बचने की कोशिश पर गिरी गाज

जब नादिम को पिछले सितंबर में पूर्व पीएम लिज ट्रस द्वारा कैबिनेट पद दिया गया और जब सुनक ने सितंबर में उन्हें टोरी चेयर और बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बनाया था तो तब नादिम जहावी आधिकारिक रूप से यह घोषित करने में भी विफल रहे थे कि उन्होंने कर से बचने के लिए एचएमआरसी को एक समझौता किया था। इसे पीएम सुनक ने मंत्रिस्तरीय संहिता का उल्लंघन माना और उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई कर दी। उनका प्रस्थान सुनक के लिए कुछ हफ्तों के नुकसान के बाद आता है, जिन्होंने 10 नंबर पर प्रवेश करने पर अपनी सरकार की ईमानदारी, व्यावसायिकता और हर स्तर पर जवाबदेही का वादा किया था, लेकिन अपने कर मामलों पर जहावी को बर्खास्त करने के लिए बढ़ती कॉल का सामना कर रहे थे।

बर्खास्त करने में देरी पर सवाल
कई कंजर्वेटिव सांसदों ने पीएम सुनक के कार्यकाल में जहावी को फिर से नियुक्त करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। जबकि अन्य लोगों का मानना है कि रविवार की सुबह मैग्नस की रिपोर्ट मिलने के कुछ घंटों के भीतर कार्रवाई करने वाले प्रधानमंत्री को उन्हें जल्द ही बर्खास्त कर देना चाहिए था। वह मंत्री के कर मामलों के बारे में जो कुछ भी जानते थे, उसके बारे में भी जांच का सामना करना जारी रखना था। जब सुझावों के बीच बताया गया कि अक्टूबर में जहावी को दोबारा नियुक्त करना सुनक सरकार की प्रतिष्ठा के लिए एक जोखिम हो सकता है तो प्रधानमंत्री ने उन्हें बगैर देरी किए पद से हटा दिया।

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