Friday, April 26, 2024
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Russia Ukraine News: यूक्रेन पर हमले के बावजूद विश्व के इस ताकतवर ग्रुप में बनी रहेगी रूस की सदस्यता!

पिछले सप्ताह जब विश्व के नेता वाशिंगटन में बैठक के लिए जुटे तब इसके संकेत मिले कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बावजूद जी-20 में उसकी सदस्यता बनी हुई है। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 23, 2022 12:28 IST
Russian President Putin- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Russian President Putin

वाशिंगटन। पिछली बार रूस ने जब 2014 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था तो इससे गुस्साए विश्व नेताओं ने उसे आठ औद्योगिक देशों के समूह से बाहर कर दिया था और तुरंत सात देशों के समूह के रूप में इसका नाम रख दिया था लेकिन इस बार जी-20 में उसकी सदस्यता जाने के आसार नहीं दिख रहे हैं। आठ साल बाद जी-7 अब भी सात देशों का समूह है जो व्यापार, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दों पर बातचीत करने के लिए बैठक करता है। पिछले सप्ताह जब विश्व के नेता वाशिंगटन में बैठक के लिए जुटे तब इसके संकेत मिले कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बावजूद जी-20 में उसकी सदस्यता बनी हुई है। 

इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, जी-7 और 20 देशों के वृहद समूह के अधिकारी शामिल हुए थे। रूस को पश्चिमी देशों द्वारा अलग-थलग करने के बावजूद वह तब तक जी-20 का सदस्य बना रहेगा, जब कि सदस्य देश इस सहमति पर न पहुंचे कि उसे इससे बाहर करना चाहिए। चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों ने साफ कर दिया है कि वे जी-20 में रूस की सदस्यता का समर्थन करेंगे। 

आईएमएफ ने भी जी-20 पर स्पष्ट नहीं रखी अपनी राय

अब सवाल यह है कि रूस कई देशों के नकारात्मक रुख के बावजूद इस समूह में क्यों बने रहना चाहता है। इसकी झलक पिछले हफ्ते दिखी थी जब रूस ने आईएमएफ की अहम सलाहकार समिति को यूक्रेन पर उसके हमले की निंदा करने वाला परिपत्र जारी करने से रोक दिया था। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जिवा से जब रूस को जी-20 से बाहर करने की संभावना के बारे में पूछा गया तो वह इस सवाल से बचती नजर आईं। उन्होंने कहा, ‘उन सवालों की सूची बनाइए जो कोई देश खुद से हल नहीं कर सकते हैं। जाहिर है कि सहयोग जारी रहना चाहिए।’

2014 के बाद से रूस में नए निवेश को मंजूरी नहीं दी: विश्व बैंक

विश्व बैंक ने कहा है कि उसने फरवरी में हमले के बाद से रूस तथा उसके सहयोगी बेलारूस में अपने सभी कार्यक्रम रोक दिए हैं और 2014 के बाद से रूस में किसी नए निवेश को मंजूरी नहीं दी है। आईएमएफ ने कहा कि उसने दशकों से रूस को कोई कर्ज नहीं दिया है और वहां किसी कार्यक्रम के लिए सहयोग नहीं दिया है। आईएमएफ की बैठक में विवाद उन समस्याओं को उजागर करता है जिसका सरकार के नेता नवंबर में इंडोनेशिया में सामना कर सकते हैं जब जी-20 नेता बाली में एकत्रित होंगे। 

क्या जी-20 में रूस का बहिष्कार करेंगे?

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को समूह से बाहर निकालने का आह्वान किया है लेकिन अमेरिका ने अभी यह नहीं बताया कि अगर रूस इस बैठक में भाग लेता है तो क्या बाइडन इसका बहिष्कार करेंगे। जी-20 के सदस्य अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं।

कनाडा और यूएस रूस के सबसे बड़े आलोचक

स्पेन स्थायी मेहमान के तौर पर आमंत्रित है। रूस की सदस्यता के सबसे बड़े आलोचक अमेरिका और कनाडा हैं। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पिछले महीने कहा था कि रूस जी-20 का एक ‘महत्वपूर्ण सदस्य’ है और किसी भी सदस्य को दूसरे सदस्य को बाहर करने का अधिकार नहीं है।

 

 

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