Monday, June 23, 2025
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किस एयरबेस से अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट पर किया था अटैक? करीब 37 घंटे के बाद वापस लौटे B-2 बॉम्बर्स

अमेरिका के B-2 बॉम्बर्स ने ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमला किया था। B-2 बॉम्बर्स ने तीनों न्यूक्लियर साइट पर 30 हजार पाउंड के GBU-57 बम गिराए थे। इसके बाद वह वापस लौट आए।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Jun 23, 2025 7:27 IST, Updated : Jun 23, 2025 7:38 IST
B-2 बॉम्बर्स
Image Source : X B-2 बॉम्बर्स

ईरान में तीन न्यक्लियर साइट तबाह करने के बाद अमेरिका के बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स वापस एयरबेस पहुंच गए हैं। 21 जून को इन बी 2 बॉम्बर्स ने अमेरिका के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी। करीब 37 घंटे का सफर करके इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। 

ऑपरेशन में इस्तेमाल हुए 125 प्लेन

इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 125 प्लेन का इस्तेमाल किया गया, जिसमें सबसे अहम बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स हैं। इससे ईरान की फोर्दो, इस्फहान और नतांज न्यूक्लियर साइट पर 30 हजार पाउंड के 14 GBU-57 बम गिराए गए। ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट को तबाह कर दिया गया।

 ऑपरेशन में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स भी शामिल

अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष डैन कैन ने कहा कि यूएस आर्मी ने इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 75 सटीक-निर्देशित हथियारों का इस्तेमाल किया। इसमें, जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कल रात कहा, 30,000 पाउंड के GBU-57 बड़े आयुध भेदक शामिल थे, जो इस हथियार का पहला ऑपरेशनल प्रयोग था। मुझे पता है कि नुकसान बहुत है। लेकिन आखिरी नुकसान का पता चलने में कुछ समय लगेगा। लेकिन शुरुआती आकलन से संकेत मिलता है कि सभी तीन साइटों को अत्यधिक गंभीर क्षति और विनाश हुआ। इस मिशन में 125 से अधिक अमेरिकी विमानों ने भाग लिया, जिसमें बी-2 स्टील्थ बॉम्बर भी शामिल थे।

शनिवार शाम ईरान में हमले को दिया अंजाम

अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर को कैसे अंजाम दिया? 21 जून, शनिवार को जीरो वन ऑवर पर अमेरिका के व्हाइटमैन एयरबेस से B-2 बॉम्बर्स रवाना हुए। जब बॉम्बर्स ने उड़ा भरी तो उनमें फ्यूल कर रखा गया। जिससे बम के वजह को बैलेंस किया गया। B-2 बॉम्बर्स में हवा में ही फ्यूल भरने के इंतजाम किए गए थे। इसके बाद 21 जून शाम 5 बजे B-2 बॉम्बर्स के साथ CENTCOM सपोर्ट जुड़ा। शाम 6 बजे B-2 बॉम्बर्स और सपोर्ट ईरान में एंट्री की। शाम 6 बजकर 40 मिनट से 7 बजे तक हमले को अंजाम दिया गया। 

B-2 बॉम्बर्स को हवा में ही किया गया रिफ्यूल

इसके बाद शाम 7 बजकर 30 मिनट पर B-2 बॉम्बर्स समेत अमेरिका के सभी एयरक्राफ्ट ईरानी एयरस्पेस से बाहर निकल गए। वापसी के वक्त भी B-2 बॉम्बर्स को हवा में ही रिफ्यूल किया गया। B-2 बॉम्बर्स 22 जून को मिशन पूरा करके अपने एयरबेस पर पहुंच गया।

जानिए क्या बोले उपराष्ट्रपति जेडी वेंस?

ईरान में न्यूक्लियर साइट पर हमले बाद अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस का बड़ा बयान सामने आया है। जेडी वेंस ने कहा कि इन हमलों के बाद ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने में अब काफी साल लगेंगे। अमेरिकी हमलों ने तेहरान को वाशिंगटन के साथ बातचीत करने का एक नया मौका दिया है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि इस हमले ने संबंधों को रीसेट करने के लिए माहौल बनाया है। अमेरिका ने ईरानी परमाणु साइट पर अपने हमले से कूटनीति को खत्म नहीं किया। यह ईरानियों के लिए समझदारी भरा रास्ता अपनाने का अवसर है। साथ ही जेडी वेंस ने उम्मीद जताई है कि निश्चित रूप से ईरान ऐसा करेगा।

बी 2 बॉम्बर्स ने पहाड़ियों में गिराए 6 बम 

बता दें कि अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है। इनमें सबसे अहम फोर्दों न्यूक्लियर साइट है, जो पहाड़ी में 80 से 100 मीटर नीचे बनी हुई है। अमेरिका के बी 2 बॉम्बर्स ने यहां 6 बम गिराए। इसके बाद पूरी साइट पर होल हो गए हैं। 

 

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