अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को सालों पहले G8 शिखर सम्मेलन से बाहर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की। उन्होंने कहा, "G7 पहले G8 हुआ करता था। करीब नौ साल पहले, रूस को बाहर रखा गया था, जो कि मेरा मानना है कि एक गंभीर गलती थी। उस समय, बराक ओबामा और जस्टिन ट्रूडो जैसे नेता रूस को शामिल नहीं करना चाहते थे, लेकिन अगर रूस वार्ता में शामिल रहता, तो शायद आज हम युद्ध का सामना नहीं कर रहे होते। अगर मैं 4 साल पहले राष्ट्रपति होता, तो हम अभी युद्ध नहीं कर रहे होते।"
'पुतिन का हुआ अपमान'
ट्रंप ने कहा कि रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन अब "टेबल पर नहीं हैं, इसलिए यह जीवन को और अधिक जटिल बनाता है।" ट्रंप ने कहा, "पुतिन मुझसे बात करते हैं। वे किसी और से बात नहीं करते। वे बात नहीं करना चाहते, क्योंकि जब उन्हें G8 से बाहर निकाला गया तो उनका बहुत अपमान हुआ, जैसा कि मैं, आप और कोई भी होगा।" एक रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने पर कि क्या चीन को भी जोड़ा जाना चाहिए? ट्रंप ने कहा- "यह बुरा विचार नहीं है। अगर कोई सिर्फ चीन को शामिल होते देखना चाहता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है।" अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व नेताओं के लिए शिखर सम्मेलनों में एक-दूसरे से बात करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है।
'रूस को बाहर निकालना बड़ी गलती'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन में यह सुझाव दिया कि रूस और शायद चीन को भी संगठन का हिस्सा होना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि वह चाहेंगे कि G7, G8 या संभवतः G9 बन जाए। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद रूस को हटाना एक "बहुत बड़ी गलती" थी, एक ऐसा कदम जिसने 2022 में यूक्रेन पर रूस के व्यापक आक्रमण को बढ़ावा दिया। (इनपुट- पीटीआई)