Thursday, April 25, 2024
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भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के बाद होने वाली है ये अहम वार्ता, जानें क्या करने वाले हैं अजीत डोभाल

Ajit Doval in US: भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के बाद दोनों देशों के बीच अहम वार्ता होने जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के साथ विशेष बातचीत करने वाले हैं। इससे भारत और अमेरिका के संबंधों को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 30, 2023 14:45 IST
अजीत डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, भारत - India TV Hindi
Image Source : PTI अजीत डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, भारत

Ajit Doval in US Latest News: नई दिल्ली: भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के बाद दोनों देशों के बीच अहम वार्ता होने जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के साथ विशेष बातचीत करने वाले हैं। इससे भारत और अमेरिका के संबंधों को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है। सुरक्षा और सहयोग के मामले पर दोनों देशों में अहम बातचीत हो सकती है।

एनएसए अजित डोभाल ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आईसीईटी) पर पहली उच्च-स्तरीय बैठक करने जा रहे हैं। इस दौरान वह अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन सहित शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व के साथ महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे।  डोभाल आईसीईटी की बैठक के लिए आज वाशिंगटन पहुंच जाएंगे। महत्वाकांक्षी आईसीईटी बैठक के एजेंडे को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों ने फिलहाल कोई राज नहीं खोला है। इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी 31 जनवरी को व्हाइट हाउस में  जाने की संभावना है। भारत और अमेरिका को उम्मीद है कि यह बैठक दोनों देशों के कॉरपोरेट क्षेत्रों के बीच एक विश्वसनीय भागीदार पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की नींव रखने में मददगार साबित होगा। ताकि स्टार्टअप की संस्कृति से फल-फूल रही सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर जोर देने वाले दोनों देश वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तानाशाही हुकूमतों के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक और डटकर सामना कर सकें।

पीएम मोदी और जो बाइडन की मुलाकात में आया था आईसीईटी का जिक्र

बीते वर्ष मई 2022 में जापान की राजधानी टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी। इसी दौरान संयुक्त बयान में पहली बार आईसीईटी का जिक्र किया गया था। डोभाल के साथ अमेरिका जाने वाले  प्रतिनिधिमंडल में सचिव स्तर के पांच अधिकारी और उन भारतीय कंपनियों का कॉरपोरेट नेतृत्व शामिल है, जो भारत में कुछ अत्याधुनिक अनुसंधान कर रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी सतीश रेड्डी, दूरसंचार विभाग के सचिव के राजाराम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक समीर वी कामत इस बैठक में विशेष रूप से शामिल हो रहे हैं। आईसीईटी के तहत ऐसे छह क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग सह-विकास और सह-उत्पादन का सिद्धांत अपनाया जाएगा।

इसके बाद इसे धीरे-धीरे क्वाड (अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान का रणनीतिक समूह), फिर नाटो (उत्तर एटलांटिक संधि संगठन) और फिर यूरोप व दुनिया के बाकी क्षेत्रों में भी विस्तार दिया जाएगा। मकसद दुनिया को ऐसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करना है, जो तुलनात्मक रूप से काफी सस्ती हों। इनमें वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास, क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता), रक्षा नवाचार, अंतरिक्ष, 6जी और सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत संचार पद्धतियों को शामिल किया गया है।

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