Highlights
- गर्भपात कराने पर महिला को 30 साल की जेल
- न्यायाधीश पर पक्षपात करने का आरोप
Woman jailed for abortion: अल सल्वाडोर की एक अदालत ने एक महिला को गर्भपात कराने के मामले में 30 साल कारावास की सजा सुनाई है। महिला का बचाव करने में उसकी सहायता करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन 'सिटिजन ग्रुप फॉर द डिक्रिमिनलाइजेशन ऑफ एबॉर्शन' ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि महिला ने प्रसूति संबंधी आपात स्थिति के कारण गर्भपात कराया था। संगठन ने महिला का नाम 'एस्मे' बताया, जिसे सोमवार को सजा सुनाई गई थी। समूह ने कहा- 'न्यायाधीश ने पक्षपात किया। उन्होंने अटॉर्नी जनरल के कार्यालय द्वारा पेश किए गए संस्करण को अधिक तवज्जो दी, जो पूर्वाग्रह और रूढ़ीवादी सोच से भरा हुआ था।' उन्होंने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
बता दें, अमेरिका में भी गर्भपात कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का मसौदा लीक होने से हंगामा हो रहा है। खबर है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट गर्भपात के संवैधानिक अधिकार से जुड़े 50 साल पुराने अपने फैसले को पलट सकता है। जिसको लेकर बवाल हो रहा है। 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि- 'गर्भपात कराना है या नहीं, ये तय करना महिला का अधिकार है।' ये फैसला नॉर्मा मैककॉरवी नाम की महिला की अर्जी पर आया था। वो टेक्ससा में रहती थीं, जहां गर्भपात असंवैधानिक है। अदालती कार्यवाही में उनको ही 'जेन रो' नाम दिया गया है।
अब खबर है कि सुप्रीम कोर्ट 1973 के अपने फैसले को पलट देगा, जिसमें गर्भपात को वैध ठहराया गया था। यानी इस फैसले के बाद अमेरिका में गर्भपात कराना गैरकानूनी हो जाएगा। 1973 के फैसले को 'रो वर्सेज वेड' के नाम से जाना जाता है। लोग गर्भपात के फैसले को पलटने के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट 'रो बनाम वेड' फैसले को पलटता है, तो भी सभी राज्यों में गर्भपात एकदम से गैरकानूनी नहीं होगा। राज्य तय करेंगे कि वे इसे कानूनी बनाते हैं या नहीं। आशंका ये है कि अलबामा, जॉर्जिया, इंडियाना समेत अमेरिका के 24 राज्य गर्भपता बैन करने वाले हैं। कोर्ट के फैसले के बाद तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।