Friday, May 10, 2024
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Fake IPL: क्रिकेटर, टीम, जर्सी और मैच सब नकली, लेकिन सट्टा असली... गुजरात में फर्जी 'IPL' का भंडाफोड़

Fake IPL: गुजरात पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो गुजरात में फर्जी टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा था। ये गैंग इन फर्जी क्रिकेट मुकाबलों का लाइट टेलीकास्ट करके रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवा रहा था।

Reported By : PTI Edited By : Swayam Prakash Published on: July 11, 2022 22:12 IST
Fake IPL busted in Gujarat- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Fake IPL busted in Gujarat

Highlights

  • गुजरात में फर्जी टी20 क्रिकेट लीग का हुआ भंडाफोड़
  • रूस में किया जा रहा था इन मुकाबलों का सीधा प्रसारण
  • फर्जी टीम की जर्सी पहनाकर मैच खिलावाता था गिरोह

Fake IPL: कभी-कभी कुछ ऐसे अपराध सामने आ जाते हैं जिनके बारे में जानकर ऐसा लगता है कि ये किसी फिल्म की कहानी हो। ऐसी ही हैरान करने वाली एक कहानी गुजरात से आई है। गुजरात पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो गुजरात में फर्जी टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा था। ये गैंग इन फर्जी क्रिकेट मुकाबलों का लाइट टेलीकास्ट करके रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। 

कैसे खड़ा किया फर्जी IPL

मेहसाणा के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने बताया कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे बड़े टूर्नामेंट की छवि पेश करने के लिए मुख्य आरोपी शोएब दावड़ा ने किराए के खेत में क्रिकेट का मैदान तैयार किया और लगभग 20 मजदूरों और स्थानीय बेरोजगार युवाओं की सेवाएं ली। शोएब ने इन लोगों को फर्जी टीम की जर्सी पहनाकर मैच में खिलाया। तीन अन्य आरोपियों की पहचान कोलू मोहम्मद, सादिक दावड़ा और मोहम्मद साकिब के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि साकिब के अलावा बाकी सभी वडनगर के मोलीपुर गांव के रहने वाले हैं। रूस के सट्टेबाजों से जुड़े क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट की सूचना मिलने पर मेहसाणा एसओजी टीम ने मोलीपुर गांव के बाहरी हिस्से में हाल में तैयार किए गए क्रिकेट के मैदान पर सात जुलाई को छापा मारा। 

सट्टेबाजी के लिए रूस में होता था प्रसारण 
पुलिस ने क्रिकेट किट, फ्लड लाइट, जनरेटर, मैच के सीधे प्रसारण के लिए इस्तेमाल होने वाले वीडियो कैमरा, एलईडी टीवी, एक लैपटॉप और रेडियो वॉकी-टॉकी जब्त किया जिनकी कुल कीमत तीन लाख 21 हजार रुपये बताई जा रही है। अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि शोएब ने यहां आईपीएल जैसे टूर्नामेंट के आयोजन और यूट्यूब चैनल पर मुकाबलों का सीधा प्रसारण करके रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवाने की योजना बनाई। शोएब रूस में काम कर चुका है और हाल में ही अपने गांव मोलीपुर लौटा था। अधिकारी ने कहा, ‘‘रूस में रहने के दौरान, उसने (शोएब ने) आसिफ मोहम्मद से क्रिकेट सट्टेबाजी के बारे में सीखा जिसने उसे इस तरह के फर्जी टूर्नामेंट आयोजित करने की सलाह दी थी।’’ 

सेंचुरी हिटर्स 20-20 के नाम से किया था रजिस्टर
अधिकारी ने बताया कि इसे प्रामाणिक बनाने के लिए गिरोह ने बेहतर सीधे प्रसारण के लिए फ्लड लाइट और वीडियो कैमरे लगाए और टूर्नामेंट को ‘सेंचुरी हिटर्स 20-20’ के रूप में ‘क्रिकहीरोज’ मोबाइल ऐप पर पंजीकृत किया और दो सप्ताह पहले इसका सीधा प्रसारण शुरू किया। टूर्नामेंट में फर्जी टीमों को चेन्नई फाइटर्स, गांधीनगर चैलेंजर्स और पालनपुर स्पोर्ट्स किंग्स जैसे नाम दिए गए। पुलिस ने बताया कि टी20 क्रिकेट मैच खेलने के लिए शोएब ने करीब 20 मजदूरों और लोकल के युवाओं को काम पर रखा था जिन्हें वह प्रति मैच 400 रुपये देता था। 

खिलाड़ी ही नहीं अंपायर भी होते थे फिक्स 
राठौड़ ने कहा, ‘‘यूट्यूब चैनल पर मुकाबलों के सीधे प्रसारण के दौरान रूस में बैठे आसिफ ने सट्टेबाजों से सट्टा लगवाया। वह अभी भी रूस में है और इस मामले में वांटेड है।’’ मैच के दौरान मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला साकिब टेलीग्राम ऐप के माध्यम से आसिफ के संपर्क में रहता था और कोलू और सादिक को वॉकी-टॉकी से निर्देश देता था जो मैदान पर अंपायर की भूमिका निभाते थे। पुलिस ने बताया कि इसके बाद अंपायर खिलाड़ियों को निर्देश देते थे जो जानबूझकर धीमी गेंद फेंकते थे या बल्लेबाज जानबूझकर आउट हो जाता था जिससे गिरोह की सट्टेबाजी से अधिक कमाई होती थी। 

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