Sunday, December 14, 2025
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एक्टर बनने की चाहत में पृथ्वीराज कपूर ने उधार लिए पैसे, खुद बदली किस्मत और कहलाए हिंदी फिल्म जगत के 'पापाजी'

छोटे से गांव से एक लड़का पैसे उधार लेकर फिल्मों में एक्टर बनने आया था। न सिर्फ फिल्मों में काम किया बल्कि फिल्म जगत में अलग पहचान बनाई और सिनेमा वालों के पापाजी बन गए। ये कोई और नहीं बल्कि हिंदी फिल्म जगत के युगपुरुष कहलाने वाले पृथ्वीराज कपूर हैं।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : May 29, 2024 09:25 am IST, Updated : May 29, 2024 09:25 am IST
prithviraj kapoor- India TV Hindi
Image Source : X पृथ्वीराज कपूर।

हिंदी फिल्म जगत में कई कलाकार हुए, जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी और ऐसी पहचान बनाई की दुनिया वाले उनकी चर्चा करने लगे। ऐसे ही एक महान अभिनेता हुए, जिन्होंने अमिटछाप छोड़ी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को न सिर्फ कमाल की फिल्में दी बल्कि पहला फिल्मी परिवार भी दिया, जिसकी हर पुश्त फिल्मों में काम कर रही है। ये कोई और नहीं बल्कि पृथ्वीराज कपूर हैं, जिन्हें युगपुरुष भी कहा जाता है। आज पृथ्वीराज कपूर की 52वीं पुण्यतिथि है। कपूर परिवार को फिल्म जगत से जोड़ने वाले पृथ्वीराज कपूर का निधन 29 मई 1972 में हुआ। पृथ्वीराज के फिल्मों में आने के उनके परिवार से लोग पीढ़ी दर पीढ़ी जुड़ते गए। 

कहां से की शुरुआत

उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में लोग ‘पापाजी’ कहकर बुलाते थे। यही वजह थी कि एक्टर बाद में फिल्मों के पितामह भी कहलाए। साल 1928 में एक्टिंग करियर बनाने के लिए वह अपनी बुआ से कुछ रुपये उधार लेकर मुंबई आए थे। करियर की शुरुआत में उन्होंने काफी संघर्ष किया। मुंबई आते ही उन्हें फिल्में नहीं मिली। फिल्मों में एक्टर होने के साथ ही उन्होंने थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर भी काम किया। अब आपको शुरुआत से बताते हैं, पृथ्वीराज कपूर का जन्म साल 1906 में पाकिस्तान के लायलपुर में हुआ। उनके पिता दीवान विशेश्वर नाथ कपूर पुलिस अधिकारी थे। छोटी आयु में ही पृथ्वीराज मां का निधन हो गया। हीरो बनने से पहले उन्होंने पेशावर के एडवर्ड्स कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की। पढ़ाई में वो कमाल थे, लेकिन फिर भी उनका दिल-दिमाग एक्टिंग करना चाहता था। लाहौर में कई थियेटर्स के साथ वो जुड़े रहे। दरअसल थियेटर्स में भी उन्हें आसानी से काम नहीं मिला। उस दौर में थिएटर में काम करने वाले लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते थे। ऐसे में उन्हें थिएटर में काम हासिल करने के लिए गली - गली भटकना पड़ा। इसके बाद उन्होंने तय किया कि वो अब मुंबई जाएंगे और अपने सपनों को नई उड़ान देंगे। 21 साल के नौजवान पृथ्वीराज जेब चंद रुपये लेकर मुंबई पहुंचे और फिर वहां उन्होंने वो मुकाम हासिल किया जो आज तक कोई और नहीं कर सका है। 

छोटी सी उम्र में की थी शादी

पृथ्वीराज कपूर से छोटे 7 और भाई-बहन थे। पृथ्वीराज कपूर ने छोटी सी उम्र में ही शादी कर ली। 17 साल की उम्र में उन्होंने 15 साल की रामसरनी का हाथ थाम लिया। उनकी ये शादी अरेंज मेरिज थी। वैसे कहा जाता है कि पृथ्वीराज कपूर को उनकी पत्नी पहली नजर में ही पसंद आ गई थीं। दोनों के 6 बच्चे हुए थे। सबसे बड़े बेटे का नाम राज कपूर था, फिर शशि कपूर और फिर शमी कपूर हुए। दोनों की एक बेटी भी थी जिसका नाम उर्मिला था। इसके अलावा दो और बच्चे हुए जिनका बीमारियों के चलते निधन हो गया। 

ये फिल्में हैं सबसे चर्चित

पृथ्वीराज कपूर के नाम कमाल की फिल्में हैं। ‘विद्यापति’, ‘सिकंदर’, ‘दहेज’, ‘आवारा’, ‘जिंदगी’,’आसमान महल’, ‘तीन बहूरानियां, ये कुछ ऐसी फिल्में हैं जिसके लिए उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है। पृथ्वीराज कपूर के करियर की सबसे शानदार फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ मानी जाती है। इस फिल्म में पृथ्वीराज ने शहंशाह जलालुद्दीन अकबर का किरदार निभाया था। आज भी लोग उन्हें शानदार आवाज और डायलॉग डिलिवरी के लिए याद करते हैं।

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