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Explainer: इजरायल-हमास के बीच पहले के शांति प्रयासों का क्या हश्र हुआ और वे क्यों विफल रहे?...जानें पूरा इतिहास

ट्रंप का 20 सूत्रीय प्लान गाजा क्षेत्र में स्थायी शांति, सुरक्षा, आर्थिक पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता पर केंद्रित है, जो इज़रायल और फिलिस्तीनी दोनों पक्षों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 09, 2025 10:43 pm IST, Updated : Oct 09, 2025 10:51 pm IST
गाजा में सीजफायर के बाद होगा उम्मीदों का नया सुबेरा (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP गाजा में सीजफायर के बाद होगा उम्मीदों का नया सुबेरा (फाइल)

Explainer: इजरायल और हमास के बीच शांति प्रयासों का इतिहास सिर्फ 7 अक्टूबर 2023 में तेल अवीव पर हमास के हमलों और उसके बाद गाजा पर इजरायली सेना के पलटवार से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि दोनों पक्षों में यह दशकों पुराना है। इससे पहले साल 2006 के बाद जब हमास ने गाजा पट्टी पर कब्जा किया, तो ये प्रयास मुख्य रूप से युद्धविराम (सीजफायर) पर केंद्रित रहे। हमास की स्थापना 1987 में हुई, जो फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन के रूप में इजरायल को ‘आतंकी राज्य’ मानता है और फिलिस्तीन की ‘स्वतंत्रता’ के लिए हिंसा को जायज ठहराता है। 

अब इजरायल-हमास के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत अन्य पक्षों की मध्यस्थता से संभव होने जा रहा है। इससे पहले भी कई बार शांति के प्रयास हुए, लेकिन वह कतिपय कारणों से विफल साबित हुए। आइये जानते हैं इजरायल और हमास के बीच संघर्ष और युद्ध विराम के प्रयासों से जुड़ा पूरा इतिहास क्या है?

अमेरिका, कतर और मिस्र पहले भी कर चुके हैं मध्यस्थता

 2007 में फतह-हमास संघर्ष के बाद गाजा हमास के नियंत्रण में आ गया था, जिससे शांति प्रक्रिया जटिल हो गई। ओस्लो समझौते (1993) जैसे व्यापक प्रयासों में हमास ने कभी भाग नहीं लिया, क्योंकि वह इजरायल को मान्यता देने से इनकार करता है। नीचे प्रमुख प्रयासों का हश्र और विफलता के कारणों पर नजर डालते हैं। ये प्रयास मुख्य रूप से मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से हुए, लेकिन गहरी अविश्वास, असमान मांगें और बाहरी दबावों ने इन्हें तोड़ा। आइये आपको बताते हैं इजरायल-हमास के बीच पहला युद्ध विराम कब हुआ?


1. 2008 का इजरायल-हमास युद्धविराम

इजरायल और हमास के बीच मिस्र की मध्यस्थता से 19 जून 2008 को पहला युद्धविराम छह महीने का शुरू हुआ, जिसमें हमास ने रॉकेट हमले रोकने और इजरायल ने गाजा की नाकाबंदी ढीली करने का वादा किया। यह हमास के शासन के शुरुआती दौर का प्रमुख प्रयास था। मगर इसका हस्र यह हुआ कि ये समझौता दिसंबर 2008 में टूट गया, जिसके बाद 2008-09 का गाजा युद्ध भड़क उठा। हमास ने 400 से ज्यादा रॉकेट दागे, जबकि इजरायली हमलों में 1,400 फिलिस्तीनियों की मौत हुई।

विफलता के कारण: इसकी विफलता का प्रमुख कारण दोनों पक्षों में अविश्वास था। इजरायल ने नाकाबंदी पूरी तरह हटाने से इनकार कर दिया था, जबकि हमास ने गुप्त रूप से हथियार जमा करना जारी रखा। हमास के नेता इस्माइल हानिया ने इसे ‘अस्थायी रणनीति’ बताया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया, जिससे हिंसा बढ़ी। विशेषज्ञों का मानना है कि हमास की सैन्य क्षमता बढ़ाने की मंशा और इजरायल की सुरक्षा चिंताओं ने स्थायी शांति को असंभव बना दिया।


2. 2012 का गाजा संघर्ष और युद्धविराम

अमेरिका और मिस्र की मदद से नवंबर 2012 में इजरायल-हमास में 8 दिनों के संघर्ष के बाद युद्धविराम हुआ। हमास ने रॉकेट हमले रोके, इजरायल ने हवाई हमले बंद किए। मगर यह समझौता भी कुछ ही महीनों में ही टूट गया। इसके बाद 2014 तक नई हिंसा भड़क उठी, जिसमें इजरायली हमले में 2,200 फिलिस्तीनियों की मौत हुई। 

विफलता के कारण: इस समझौते की विफलता का मुख्य कारण मूल मुद्दों का अनसुलझा होना रहा। इसके साथ ही गाजा की नाकाबंदी, फिलिस्तीनी शरणार्थी और सीमाओं पर विवाद जारी रहना भी वजह थी। हमास ने इसे ‘जीत’ बताकर अपनी जनता में लोकप्रियता बनाए रखी, लेकिन इजरायल ने हमास को ‘आतंकी संगठन’ मानते हुए बातचीत से इनकार किया। मध्यस्थों की सीमित भूमिका और हमास की ईरान-समर्थित सैन्य महत्वाकांक्षाओं ने युद्धविराम प्रयासों को कमजोर किया।

 

3. 2014 का गाजा युद्ध और युद्धविराम

जुलाई-अगस्त 2014 के 50 दिनों के युद्ध के बाद मिस्र ने युद्धविराम कराया, जिसमें मछली पकड़ने की सीमा बढ़ाने और सीमा पर शांति जैसे बिंदु शामिल थे। मगर जून 2014 में तीन इजरायली किशोरों की हत्या के बाद यह समझौता भी टूट गया, जिसके जवाब में इजरायली कार्रवाई हुई।

विफलता के कारण: यह समझौता इसलिए विफल हुआ कि हमास ने इजरायली ‘कब्जे’ को समाप्त करने की मांग की, जबकि इजरायल ने हमास के विघटन की शर्त रखी। फतह-हमास एकीकरण समझौते (अप्रैल 2014) ने इजरायल को नाराज किया, क्योंकि वह हमास को शांति के लिए खतरा मानता था। आंतरिक फिलिस्तीनी विभाजन और इजरायल की बस्तियों के विस्तार ने दोनों पक्षों के विश्वास को चकनाचूर कर दिया।

 

4. 2021 का गाजा संघर्ष और युद्धविराम

मई 2021 में इजरायल-हमास में 11 दिनों के संघर्ष के बाद अमेरिका, मिस्र और कतर ने युद्धविराम कराया। गाजा में सहायता बढ़ाने का वादा किया गया। इसका हश्र में अन्य समझौतों की तरह ही हुआ। 2022 तक रॉकेट हमले फिर शुरू हो गए, जो 2023 के बड़े हमले का आधार बने।

विफलता के कारण: हमास ने जेरूसलम में फिलिस्तीनी बेदखली का विरोध किया, लेकिन इजरायल ने इसे ‘आतंकी प्रायोजित’ बताया। आर्थिक सहायता के बावजूद, हमास ने सैन्यीकरण जारी रखा। इजरायल की दक्षिणी सीमा पर तनाव और हमास की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने शांति को अवरुद्ध किया।

 

5. 2023-2025 के युद्धविराम प्रयास (7 अक्टूबर हमले के बाद)

7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले, जिसमें 1,200 इजरायलियों की मौत हो गई...इसके बाद शांति के कई प्रयास हुए। इसमें नवंबर 2023 का अस्थायी युद्धविराम पहला है, जिसके तहत 7 दिन में बंधकों की अदला-बदली हुई। मगर इसके बाद यह समझौता टूट गया। फिर दोनों पक्षों में युद्ध शुरू हो गया। 

 

जनवरी 2025 का युद्ध विराम

यह युद्ध विराम जनवरी 2025 में मिस्र-कतर की मध्यस्थता और अमेरिकी सहयोग से हुआ। यह वाला युद्धविराम तीन चरणों में था, जिसमें पहले में बंधक और कैदियों की परस्पर रिहाई, सहायता वृद्धि और इजरायली सेना की कई इलाकों से वापसी शामिल था। जनवरी 2025 वाले युद्ध विराम के तहत ये हुआ कि मार्च 2025 में यह भी टूट गया। इसके बाद पहले गाजा शहर, खान यूनिस और रफाह पर हमले हुए। 

 

अगस्त 2025 का प्रस्ताव (बंधक रिहाई, आंशिक वापसी) भी विफल

इसके बाद अगस्त 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के बाद बंधकों की रिहाई और इजरायली सेना की आंशिक वापसी वाला समझौता आया। मगर यह लागू नहीं हो सका। इसके बाद इजरायली सेना ने गाजा पर हमले और तेज कर दिये। 
विफलता के कारण: इजरायल ने हमास के पूर्ण विघटन और गाजा की डीमिलिटराइजेशन की मांग की, जबकि हमास ने स्थायी युद्धविराम, पूर्ण वापसी और गाजा में अपनी भूमिका की शर्त रखी। दोनों पक्षों के उल्लंघन (इजरायली हवाई हमले, हमास रॉकेट) ने संदेह बढ़ाया। मानवीय संकट (46,000+ मौतें, 1.9 मिलियन लोगों के विस्थापित होने) के बावजूद, नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सरकार ने सैन्य कार्रवाई को प्राथमिकता दी। हमास की ईरान-समर्थित रणनीति और इजरायल की सुरक्षा चिंताओं ने मध्यस्थों (अमेरिका, कतर) को असफल कर दिया।

 

अक्तूबर 2025 का गाजा सीजफायर प्लान

 अक्तूबर 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20-बिंदुओं वाला प्लान रखा, जिसपर इजरायल पहले ही सहमत हो गया था। मगर हमास को सहमति बनाने में वक्त लगा। ट्रंप ने हमास को कई बार समझौते पर हां कहने के लिए धमकाया। इसके बाद वह कुछ ही बिंदुओं पर राजी हुआ। इसके पहले चरण में बंधक और कैदियों की परस्पर रिहाई और कई इलाकों से इसके बाद इजरायली सेना की वापसी शामिल है। अभी डीमिलिटराइजेशन (असैन्यीयकरण) पर विवाद बाकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना दो-राष्ट्र समाधान के ये प्रयास अस्थायी राहत मात्र हैं। स्थायी शांति के लिए अविश्वास दूर करना और अंतरराष्ट्रीय दबाव जरूरी है। 

 

गाजा संकट को सुलझाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप का 20 सूत्रीय प्लान 

  1. युद्धविराम और शांति समझौता:  दोनों पक्षों के बीच तुरंत युद्धविराम की घोषणा और स्थायी शांति समझौते की दिशा में कदम।
  2. बंधकों और कैदियों की रिहाई:  गाजा में बंदी बनाए गए बंधकों और कैदियों की परस्पर रिहाई।
  3. इज़राइल की सेना की आंशिक वापसी:  गाजा के कई हिस्सों से इज़राइली सेना की वापसी, लेकिन सुरक्षा कारणों से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती।
  4. अंतरराष्ट्रीय निगरानी बल:  अरब और मुस्लिम देशों की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा फोर्स का तैनात होना, जो गाजा में शांति और सुरक्षा बनाए रखे।
  5. हथियारबंदी:  हमास सहित सभी मिलिटेंट ग्रुप्स का हथियार छोड़ने और गाजा को पूर्ण रूप से निरस्त्रीकृत करने की प्रक्रिया।
  6. गाजा की आर्थिक पुनर्निर्माण योजना:  अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग से गाजा के व्यापक पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय और तकनीकी मदद।
  7. सीमाओं का नियंत्रण:  गाजा और इज़राइल के बीच सीमाओं का कड़ाई से नियंत्रण और पारगमन के लिए व्यवस्थित व्यवस्था।
  8. राफाह सीमा चौकी का संचालन:  गाजा और मिस्र के बीच राफाह सीमा चौकी को खुले रखना और सीमित व्यापार व यातायात की अनुमति देना।
  9. फिलिस्तीनी प्रशासन में सुधार:  पश्चिमी तट और गाजा में फिलिस्तीनी प्रशासनिक सुधार और शासन के लिए व्यापक सुधार कार्यक्रम।
  10. फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका:  फिलिस्तीनी प्राधिकरण को शांति प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना, लेकिन इसके लिए राजनीतिक और प्रशासनिक सुधार आवश्यक।
  11. मानवीय सहायता का प्रवाह:  गाजा में लगातार और बाधारहित मानवीय सहायता पहुँचाना।
  12. अंतरराष्ट्रीय सहायता का समन्वय:  संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग में सहायता कार्यों का प्रबंधन।
  13. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का पुनर्निर्माण:  गाजा में स्कूल, अस्पताल और अन्य बुनियादी सेवाओं को पुनः स्थापित करना।
  14. आर्थिक विकास के लिए निवेश:  गाजा में निजी क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय निवेश को प्रोत्साहित करना।
  15. शरणार्थियों का पुनर्वास:  विस्थापित और शरणार्थी परिवारों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम।
  16. सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता:  क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना।
  17. आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ अभियान:  आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय प्रयास।
  18. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका:  सभी पक्षों को शांति प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना।
  19. दीर्घकालिक राजनीतिक समाधान:  भविष्य में एक स्थायी और न्यायसंगत राजनीतिक समाधान की दिशा में कदम।
  20. संवाद और वार्ता को बढ़ावा:  सभी हितधारकों के बीच संवाद को नियमित और प्रभावी बनाना।
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