Sunday, December 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. गुजरात
  3. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिलकिस बानो के घर पर जश्न का माहौल, फोड़े गए पटाखे

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिलकिस बानो के घर पर जश्न का माहौल, फोड़े गए पटाखे

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुजरात में बिलकिस बानो के घर पर जश्न का माहौल है। कोर्ट के फैसले की खुशी में बिलकिस बानो के घर के बाहर पटाखे फोड़े गए।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jan 08, 2024 16:10 IST, Updated : Jan 08, 2024 16:21 IST
बिलकिस बानो के घर पर जश्न का माहौल - India TV Hindi
Image Source : ANI बिलकिस बानो के घर पर जश्न का माहौल

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को सोमवार को रद्द कर दिया। कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को 2 सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खुशी में गुजरात के देवगढ़ बारिया में बिलकिस बानो के घर के बाहर पटाखे फोड़े गए।

चाचा ने कहा कोर्ट से मिला न्याय

सामूहिक बलात्कार मामले के गवाह बानो के चाचा अब्दुल रज्जाक मंसूरी ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि न्याय मिल गया है और अब सभी दोषियों को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करना होगा। उन्होंने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के कदम को गलत बताया। 

गुजरात सरकार से कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सोमवार को रद्द कर दिया और दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल भेजने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि सजा में छूट का गुजरात सरकार का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया और पूछा कि क्या ‘‘महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध के मामलों में सजा में छूट की अनुमति है’’, चाहे वह महिला किसी भी धर्म या पंथ को मानती हो। 

सरकार ने शक्तियों का दुरुपयोग कियाः कोर्ट

घटना के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं। बानो से गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद 2002 में भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था। दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी। गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को सजा में छूट दे दी थी और उन्हें रिहा कर दिया था। पीठ ने कहा, ‘‘हम गुजरात सरकार द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग करने के आधार पर सजा में छूट के आदेश को रद्द करते हैं। पीठ ने 100 पन्नों से अधिक का फैसला सुनाते हुए कहा कि गुजरात सरकार सजा में छ्रट का आदेश देने के लिए उचित सरकार नहीं है।

(भाषा इनपुट के साथ)

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें गुजरात सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement