Monday, April 29, 2024
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Superstition In Gujarat: बुरी आत्मा से छुटकारा दिलाने के लिए पिता और चाचा ने खेत में लड़की को बांध कर लाठी से पीटा, 5 दिन तक भूखे-प्यासे रखा, हुई मौत

Superstition In Gujarat: गिर सोमनाथ पुलिस ने 14 वर्षीय धैर्य की हत्या के आरोप में भावेश अकबरी और उसके भाई दिलीप को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के दोस्तों से पूछताछ के लिए राजकोट, अहमदाबाद और अन्य जगहों पर टीमें भेजी हैं।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav @pan89168
Updated on: October 13, 2022 19:27 IST
Superstition In Gujarat- India TV Hindi
Superstition In Gujarat

Highlights

  • अंधविश्वास के चलते 14 साल की लड़की की हुई हत्या
  • पिता को शक था कि लड़की किसी बुरी आत्मा के प्रभाव में है
  • लड़की के नाना ने पिता और चाचा को हत्यारा बताया

Superstition In Gujarat: गुजरात में अंधविश्वास के चलते एक 14 वर्षीय लड़की की हत्या उसके ही पिता और चाचा ने मिलकर कर दी। पुलिस ने बताया कि लड़की के पिता भावेश अकबरी को शक था कि उसकी बेटी धैर्य किसी बुरी आत्मा के प्रभाव में है और इसलिए उसने अपने भाई दिलीप की मदद से लड़की की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी भावेश अकबरी और उसके भाई दिलीप को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे पता चलता हो कि परिवार की समृद्धि के लिए बच्ची की बलि दी गई हो।

किसी को बीना बताए ही लड़की का अंतिम संस्कार भी कर दिया

भावेश और उसके भाई ने ग्राम पंचायत को बताए बिना लड़की का अंतिम संस्कार भी कर दिया। भावेश के ससुर वलजीभाई डोबरिया को जब बच्ची की मौत की बात पता चली तो तलाला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, और बताया कि दिलीप ने कहानी गढ़ी कि धैर्य को संक्रामक बीमारी हो गई थी, उसके शरीर पर छाले थे जिससे उसकी मौत हो गई। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अन्य लोग संक्रमित न हों, उन्होंने अपने रिश्तेदारों को बताए बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

चलते काला जादू उतारने के लिए लड़की को खेत में बांध कर पीटा, भूखे-प्यासे 5 दिन तक रखा

वलजीभाई को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ, इसलिए वह और उनका बेटा बुधवार को धवा गांव लौट आए और दिलीप पर सच बोलने का दबाव डाला। बताया जा रहा है कि, दिलीप ने कहा कि धैर्या एक बुरी आत्मा से प्रभावित थी, इसलिए वह उसे 1 अक्टूबर को खेत में ले गए और अंधविश्वास के चलते काला जादू उतारने की बात कहते हुए उसे गन्ने के खेत में बांध दिया। 2 अक्टूबर को, दिलीप और भावेश ने उसे लाठी और लोहे के तार से पीटा, उसके बालों को एक छड़ी से बांध दिया और उसके बगल में दो कुर्सियां रख दीं। उसे चार से पांच दिनों तक बिना पानी और भोजन के रखा गया 7 अक्टूबर को उन्होंने बच्ची को मृत पाया। 8 अक्टूबर की सुबह, उन्होंने गांव के श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया। शिकायतकर्ता (बच्ची के नाना) ने आरोप लगाया है कि धैर्य की मौत किसी संक्रामक बीमारी से नहीं हुई बल्कि उसके पिता और चाचा ने की है।

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